चीन के शासन विरोधी लियु शियावबो की मौत
१३ जुलाई २०१७लेकिन चीन सरकार ने लियु शियावबो को इलाज के लिए विदेश जाने की अनुमति देने से मना कर दिया था. लियु की मौत की खबर आने के बाद शोक और आक्रोश की लहर फैल गयी और उनके साथ किए गए बर्ताव के लिए चीन की भारी आलोचना हो रही है.
लियु शियावबो की मौत कई अंगों के काम करना बंद कर देने की वजह से हुई. शेनयांग में कानून विभाग के अनुसार वे लिवर कैंसर के आखिरी दौर में थे. पूर्वोत्तर शहर के अस्पताल ने, जहां उनका इलाज चल रहा था, कहा है कि बुधवार को नोबेल विजेता की सांस रुक गई थी और उनके परिवार ने कृत्रिम वेंटिलेशन से मना कर दिया था.
61 साल के लियु एक दस्तावेज के सहलेखक थे जिसे चार्टर 08 के नाम से जाना जाता है जिसमें चीन में मुक्त, लोकतांत्रिक संवैधानिक शासन की मांग की गयी थी. इस दस्तावेज पर 2008 में चीन के 300 से अधिक बुद्धिजीवियों ने दस्तखत किया था.
चीनी अधिकारियों ने लियु को एक साल बाद गिरफ्तार कर लिया था और बाद में राज्य सत्ता के खिलाफ विद्रोह भड़काने के आरोप में 11 साल कैद की सजा दी थी. उन्हें 2010 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था लेकिन चीन ने उन्हें पुरस्कार लेने जाने की इजाजात नहीं दी.
एमजे/एनआर (एपी, डीपीए)