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समाज

चीन के किंडरगार्टन में फिर स्कैंडल

२५ नवम्बर २०१७

बीजिंग में कई बच्चों के शरीर पर सुई के निशान मिले हैं. बच्चों को अंजान दवा भी दी गई. कई लोग इसे बीजिंग के किंडरगार्टनों में चल रहा एक और रैकेट बता रहे हैं.

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China Peking Vorwurf der Kindesmisshandlung im Kindergarten
तस्वीर: picture-alliance/Imaginechina/Stringer

अभिभावकों का आरोप है कि बीजिंग के एक किंडरगार्टन में उनके बच्चों के साथ दुर्व्यवहार हुआ है. बच्चों के शरीर पर सुई के निशान मिले हैं. बच्चों ने घरवालों को बताया कि उन्हें दवा भी खिलाई गई. इससे नाराज कई अभिभावकों ने आरवाईबी एजुकेशन न्यू वर्ल्ड किंडरगार्टन को घेर लिया. चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, बच्चों के साथ "यौन दुर्व्यवहार" की भी खबरें हैं.

स्कैंडल चीन के मीडिया में भी छाया हुआ है. सोशल मीडिया पर भी लोग बेहद नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. सरकारी टेलिविजन चैनल सीसीटीवी ने भी सुई के निशान वाले बच्चों की तस्वीरें दिखाई हैं. सीसीटीवी से बातचीत में एक बच्चे के पिता ने कहा, "दूसरे अभिभावकों की बात सुनने के बाद मैंने अपने बच्चे से भी पूछा और उसने मुझे बताया कि लंच के बाद हमें दो सफेद गोलियां दी गईं. उन गोलियों को खाने के बाद हम सो गए."

China Peking Vorwurf der Kindesmisshandlung im Kindergarten
किंडरगार्टन के बाहर पुलिस और अभिभावकतस्वीर: picture-alliance/Imaginechina/Stringer

साइनिक्स पत्रिका के मुताबिक आठ बच्चों के शरीर पर सुई के निशान मिले हैं. बच्चों की उम्र दो से छह साल के बीच है.

आरवाईबी एजुकेशन के चीन में 80 किंडरगार्टन है. कंपनी के 175 शहरों में 130 फ्रेंचाइज सेंटर भी हैं. इन सेंटरों में नवजात से लेकर छह साल तक के बच्चे दाखिल किये जाते हैं.

पुलिस ने बच्चों के साथ हुए दुर्व्यवहार की जांच शुरू कर दी है. बीजिंग के चाओयांग जिला प्रशासन ने इससे ज्यादा जानकारी नहीं दी. किंडरगार्टन ने अभिभावकों से माफी मांगी है. आरवाईबी ने जांच में सहयोग का आश्वासन भी दिया है. इसी साल आरवाईबी के किंडरगार्टनों में आया ये तीसरा संदिग्ध मामला है. किंडरगार्टन और स्कूल चलाने वाली कंपनी ने कहा, "हम फिलहाल पुलिस को जरूरी सर्विलांस मैटीरियल और उपकरण दे रहे हैं. सवालों के घेरे में आए टीचरों को निलंबित कर दिया गया है."

 कुछ ही समय पहले चीन की ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसी सीट्रिप के दो अधिकारियों की भी निलंबित किया गया. सीट्रिप शंघाई में बच्चों का डेकेयर सेंटर  भी चलाती है. एक लीक हुए वीडियो से पता चला कि कर्मचारियों ने बच्चों के साथ बदसलूकी की.

इन मामलों पर तंज करते हुए चीन की सोशल मीडिया साइट वाइबो पर एक यूजर ने लिखा, "सीट्रिप से लेकर आरवाईबी तक, अगर हम अपने बच्चों को ही सुरक्षित न रख पाएं तो हमारा क्या भविष्य है, या यूं कहें कि तथाकथित चीन का सपना क्या है."

(बच्चों की इन हरकतों को अनदेखा ना करें)

ओएसजे/एनआर (एएफपी)