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चीन का 'तमाशबीन' समाज

ओएसजे/आईबी (एएफपी)८ अप्रैल २०१६

होटल की लॉबी में एक युवक सरेआम महिला को पीटता रहा और भीड़ तमाशा देखती रही. चीन एक बार फिर खुद से पूछ रहा है कि क्या हम तमाशबीन बनते जा रहे हैं.

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तस्वीर: Handout via Reuters

चीन की राजधानी बीजिंग के एक होटल यिटेल की लॉबी में एक महिला को लगातार पीटा जा रहा था. महिला का आरोप है कि उसका अपहरण करने की कोशिश भी की गई. वारदात होटल के सीसीटीवी कैमरों में भी कैद हुई. इस दौरान वहां होटल का सुरक्षाकर्मी भी आया. लोग भी गुजरते रहे. लेकिन किसी ने महिला को बचाने या दखल देने की कोशिश नहीं की.

घटना का वीडियो अब इंटरनेट पर है. इसे दो अरब से ज्यादा बार देखा जा चुका है. सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है. सवाल किया जा रहा है कि क्या देश तमाशबीनों का समाज बन गया है. घटना का वीडियो वानवान नाम से पीड़ित महिला ने इंटरनेट पर डाला.

वीडियो में महिला हमलावर से गुहार करते हुए कह रही है, "मैं तुम्हें नहीं जानती हूं, मुझे जाने दो." होटल के स्टाफ ने इसे आपसी विवाद माना और बीच बचाव करने के बजाए दोनों से होटल के बाहर निकलकर मामला सुलझाने को कहा. महिला ने लिफ्ट से भागने की कोशिश भी की लेकिन वह नाकाम रही. 5-6 मिनट के बाद एक महिला राहगीर ने उसकी मदद की.

वानवान के इस वीडियो पर 20 लाख से ज्यादा टिप्पणियां की गई हैं. एक यूजर ने लिखा, "भले ही वह एक दूसरे को जानते हों या नहीं, या जो भी परिस्थितियां हों, लेकिन जब एक पुरुष महिला को पीटता है, तो आपको बीच बचाव करना चाहिए और मुमकिन हो तो उन्हें अलग करना चाहिए."

होटल के बाहर भी प्रदर्शन हुए. एक प्रदर्शनकारी के मुताबिक, "महिलाओं की सुरक्षा होटलों की जिम्मेदारी है. महिलाओं की सुरक्षा जिम्मेदारी कौन लेगा." चौतरफा आलोचना के बीच होटल कंपनी ने कहा, "हम इस घटना में शामिल व्यक्ति से और आम जनता से माफी मांगते हैं."

2011 में भी गुआनडोंग प्रांत में एक बच्ची को दो अलग अलग गाड़ियों ने कुचला. बच्ची सड़क पर पड़ी रही लेकिन वहां से गुजरे सैकड़ों राहगीरों ने उसकी कोई मदद नहीं की. चीन में कई ऐसे मामले भी आए हैं जब पीड़ितों ने मददगारों से पैसा वसूला. कुछ मामलों में तो पीड़ितों ने मदद करने वाले लोगों को अदालत में भी घसीटा. ऐसी घटनाओं के चलते भी आम लोग मदद करने से कतराते हैं.