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चीन और अमेरिका में कौन होगा महान?

७ नवम्बर २०१७

शी जिनपिंग और डॉनल्ड ट्रंप में एक समानता है. दोनों अपने देश को फिर से महान बनाना चाहते हैं. इस वक्त जब चीन के नेता मजबूत हो कर उभरे हैं तब बीजिंग पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति के कंधे पर कई मुश्किलों का भारी बोझ है.

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Donald Trump und Xi Jinping
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/S. Loeb/Pool Photo

बुधवार को शी जिनपिंग ट्रंप का स्वागत लाल कालीन पर बाहें फैला कर करेंगे. इस साल यह तीसरा मौका होगा जब दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के हुक्मरान एक दूसरे के साथ होंगे. इस बीच, जहां ट्रंप ने दुनिया पर अपना दबदबा दिखाने के कोशिश की है वहीं शी ने घरेलू मोर्चे पर ताकत मजबूत कर अपना असर बढ़ाया है. चीन के उप विदेश मंत्री झेंग झेगुआंग ने पिछले हफ्ते कहा कि यह दौरा, "विशेष महत्व का होगा." इसके साथ ही उन्होंने इसे "ऐतिहासिक" बनाने का भी दावा किया. 

इस साल अप्रैल में फ्लोरिडा के मार आलागो रिसॉर्ट में दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद इनकी दोस्ती परवान चढ़ी और उत्तर कोरिया से निबटने और कारोबार को लेकर मतभेद के बावजूद ये सिलसिला चला आ रहा है. इन दोनों नेताओं की राष्ट्रवादी आकांक्षाएं भी समान हैं. ट्रंप "अमेरिका को फिर से महान बनाना चाहते हैं" तो शी ने "चीनी राष्ट्र को फिर से महान पुनर्जगागरण के रास्ते पर ले जाने के लिए सत्ता संभाली." हालांकि शी ने इस बीच वह हासिल किया है जिसे ट्रंप भी "असाधारण उत्कर्ष" मानते हैं और उनका कहना है, "कुछ लोग उन्हें चीन का राजा भी कह सकते हैं."

China Vizepräsident Xi Jinping
तस्वीर: Reuters

दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति लगातार मुश्किलों से जूझ रहे हैं और पिछले सात दशकों में वह अमेरिका के सबसे अलोकप्रिय राष्ट्रपति हैं. उनके चुनाव प्रचार अभियान पर रूस के दखल की आशंकाएं लगातार बनी हुई हैं और जब तब इस बारे में नई जानकारियां सामने आती रहती है. चीन अमेरिका रिश्तों के विशेषज्ञ ओर्विले शेल कहते हैं, "2009 के आर्थिक संकट और फिर ट्रंप के व्हाइट हाउस में आने से चीन का भरोसा और यहां तक कि उसका अक्खड़पन बढ़ा है. चीन की संपत्ति और शक्ति के पहिये पर सवार हो कर यह बढ़ा है और यह उन्हें समझौता करने से दूर करेगा."

चीन ने ट्रंप के लिए "स्टेट विजिट प्लस" का वादा किया है जिसका मतलब है ज्यादा ठाठबाट, ज्यादा आडंबर और अरबपति रियल स्टेट डेवलपर के लिए ज्यादा मौके भी. उम्मीद की जा रही है कि चीन अमेरिकी राष्ट्रपति को सैन्य सम्मान, औपचारिक डिनर के साथ ही अरबों डॉलर के कारोबारी समझौते भी परोसेगा. शेल का कहना है कि ट्रंप के लिए, "जीतना ही जीवन में सबकुछ है. उन्हें बहुत कामयाबी नहीं मिली, अगर वह चीन के साथ कुछ जीत कर लौटते हैं... तो इसका भी उनके लिए बड़ा महत्व होगा. हालांकि अगर उन्होंने ध्यान नहीं रखा तो शी फायदा उठा सकते हैं."

Die ersten 100 Tage der Präsidentschaft von Donald Trump Donald Trump und Xi Jinping
तस्वीर: picture alliance/dpa/AP/A. Brandon

ट्रंप को विवादित मुद्दों पर चीन को फटकार लगाने से बचने के लिए बहुत विस्तृत नाट्य शिल्प की जरूरत होगी. इनमें चीन के साथ व्यापार घाटे से लेकर उत्तर कोरिया से संबंध तक जैसी बातें शामिल हैं. हालांकि चीन इस वक्त ट्रंप से शी की पहली मुलाकात की तुलना में कम चिंतित है. हांगकांग यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार सु गुओकी कहते हैं, "तब चीनी लोग नये प्रशासन को लेकर घबराहट और चिंता में थे लेकिन इसके बाद से परिस्थितियां बदली हैं. शी की स्थिति काफी बेहतर हुई है और ट्रंप हर गुजरते दिन के साथ कमजोर हुए हैं." हालांकि इसके बावजूद विशेषज्ञ चीन को चौकस रहने की सलाह दे रहे हैं. बीजिंग में रहने वाले चीनी राजनीति के विशेषज्ञ हू जिंगडाउ कहते हैं, "फिलहाल अमेरिका रणनीतिक मसलों पर दो कदम आगे बढ़ता है और एक कदम पीछे खींच लेता है लेकिन अब भी अमेरिका पूरी तरह से दुनिया का नेतृत्व कर रहा और चीन अभी उस स्तर पर नहीं है."

एनआर/एके (एएफपी)