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फिलीपींसः मोबाइल से बंधी उम्मीद

१२ नवम्बर २०१३

अमेरिका से लेकर एशिया तक में फैले वाले फिलीपीनी अपने बच्चों और रिश्तेदारों की खैर खबर पाने के लिए बेसब्र हैं. किसी का घर नष्ट हो गया है तो किसी ने अपनों को खो दिया है.

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तस्वीर: Reuters/Erik De Castro

भारी बारिश में तूफान से प्रभावित इलाकों से कुछ टूटे फूटे वाक्य सुनाई पड़ते हैं, और फिर फोन कट जाता है. अमेरिका से लेकर सिंगापुर में काम करने वाली महिलाओं के बच्चे अक्सर रिश्तेदारों के घर पलते हैं. वे विदेशों में पैसा कमा कर घर भिजवाती हैं.

हॉन्ग कॉन्ग में करीब एक लाख साठ हजार फिलीपीनी घरों में काम करते हैं. तूफान से तहस नहस प्रांतों में अपने परिजनों को फोन करना एक बड़ी कवायद है. तूफान के कारण बिजली और टेलीफोन की लाइनें टूट गई हैं. 30 साल की डोमेस्टिक हेल्पर फ्लिन ब्लैंकेबर पैने की रहने वाली हैं, वह बताती हैं, "मेरा बेटा और मेरी मां वहां है और मुझे उनकी कोई खबर नहीं है. इंटरनेट या टेलीफोन सब टूट गया है. मैं नहीं जानती कि वहां क्या हो रहा है. "

तूफान से बुरी तरह क्षतिग्रस्त लेयते की रहने वाली लुज विमिन्डा पूरे सप्ताहांत अपने बेटे को फोन लगाती रहीं. आखिरकार उनकी बात उनके बेटे से हो ही गई. वहीं एक 55 साल की महिला गुजमन कहती हैं, "वे सब लोग ठीक से हैं, ये जान कर मेरे खुशी के मारे आंसू निकल आए. उन्होंने कहा कि हमारा घर अब नहीं है तो मैंने कहा कोई बात नहीं, तुम लोग सुरक्षित हो ये अच्छा है. अगर घर नहीं है तो हम फिर से शुरुआत कर सकते हैं. मेरे लिए सबसे अहम है कि मैं तुम्हारी आवाज सुन रही हूं और मेरे नाती पोते अच्छे से हैं. "

हॉन्ग कॉन्ग में रहने वाले फिलीपीनी रोमन कैथोलिक हैं. उन्होंने पीड़ित लोगों के लिए पैसा जमा किया है और परिजनों के लिए भी काउसलिंग सेशन का विचार कर रहे हैं. सैन फ्रांसिस्को के पिनोले, न्यू यॉर्क के बोरो ऑफ क्वींस में भी लोगों ने अपने परिजनों और देश के लिए प्रार्थना की. वहां भी लोगों को अपने परिजनों की कोई खबर नहीं है. समर प्रांत की रहने वाली आसुनिसन हिपे न्यू यॉर्क में सहायक नर्स हैं, उन्हें अपनी तीन बहनों और भांजे की कोई खबर नहीं. वो कहती हैं, "मैं वहां फोन करती रहती हूं लेकिन कोई जवाब नहीं देता. संपत्ति की मुझे चिंता नहीं है, बस वो सब लोग जिंदा हों. "

Philippinen Taifun Haiyan 11.11.2013
हैयान का कहरतस्वीर: Reuters/Erik De Castro

लॉस एंजेल्स की मार्सेल गोसेट के दो लड़के, उनकी पत्नियां और 14 नाती पोते सेबू में रहते हैं. उन्होंने बताया, "घर पर पीछे के पेड़ गिर गए हैं. मैंने उन्हें कहा कि घर से जाओ और खुद को बचाओ, लेकिन वो अटक गए हैं. वो घर छोड़ कर नहीं जा पा रहे."

सिंगापुर में करीब ढाई लाख फिलीपीनी रहते हैं. वहां भी तरह तरह से लोग अपने परिजनों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं. चर्च में और शाम को सभी मिल कर प्रार्थना कर रहे हैं. किसी न किसी तरह सब के परिवार का कोई न कोई सदस्य तूफान से प्रभावित हुआ है.

चीन में भी कहर

वियतनाम से होता हुआ हैयान तूफान चीन के दक्षिणी किनारे तक पहुंचते हुए वैसे तो कमजोर हो गया था लेकिन वहां भी इस तूफान के कारण कई सौ घर बर्बाद हुए हैं. दीवारों के और होर्डिंगों के गिरने के लिए हन्नान प्रांत में लोग घायल हुए हैं. गुआंगशी जुआंग इलाके में एक व्यक्ति डूब कर मर गया. शिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक तूफान के कारण बहे जहाज में दो नाविक मारे गए. पांच अन्य सदस्यों को ढूंढा जा रहा है. 600 घरों को नुकसान पहुंचा है और 51 ढह गए हैं. हन्नान प्रांत में 39 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है.

दक्षिणी सागर के मुद्दे पर फिलीपींस से विवाद में पड़े चीन ने उसे इस प्राकृतिक आपदा के दौरान एक लाख डॉलर आर्थिक सहायता और राहत और बचाव कार्य में सहायता का वाद किया है.

चीन पहुंचने से पहले वियतनाम के क्वांग निन्ह प्रांत में तूफान पहुंचा. हनोई से 160 किलोमीटर उत्तर में तूफान के पहुंचने के समय हवा की रफ्तार 118-133 किलोमीटर प्रतिघंटा की थी. इसके कारण भारी बारिश और बाढ़ आई. 24 घंटे में कुछ इलाकों में 271 मिलीमीटर बारिश हो गई. तूफान के कारण 10 लोगों की मौत हुई है और तैयारियों के दौरान 67 घायल हुए. इनमें से कई लोग घर को सुरक्षित करते समय छत से गिर गए.

वियतनाम में यह पर्यटन का समय है और करीब दो हजार पर्यटक हा लोंग बे में नाव की सवारी के लिए पहुंचते हैं, लेकिन तूफान के दौरान ये बोट ट्रिप्स नहीं हो रही.

राहत का सामान

जिस समय फिलीपींस भारी तूफान का सामना कर रहा था, उस समय फ्रैंकफर्ट से लुफ्थांसा की उड़ान मनीला जानी थी, वो भी खाली. पायलट को सूझा कि संकटग्रस्त इलाके में खाली उड़ने की बजाए राहत सामग्री लेकर जाना ठीक है. तो इस विमान के साथ 5000 कंबल, 3000 टेंट, दवाइयां और बाकी सामान भेजा गया है. यात्री विमान को 36 घंटे के अंदर 25 टन राहत सामग्री मनीला भेजने के लिए तैयार किया गया.

रिपोर्टः आभा मोंढे (रॉयटर्स, एएफपी, डीपीए)

संपादनः निखिल रंजन

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