चाही हसीना, मिली नई दुनिया
४ अक्टूबर २०१०सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक मार्क के अब 50 करोड़ से ज्यादा यूजर हैं. अगर देशों को देखें तो चीन और भारत के बाद यह तीसरी सबसे बड़ी आबादी है. फेसबुक एक इंटरनेट प्लेटफॉर्म है जिस पर हर कोई अपना प्रोफाइल बना सकता है और उसे अपने दोस्तों के साथ लिंक कर सकता है. असली या वर्चुअल दोस्तों के साथ. नागरिक अपने देश के अधिकारियों को अपने बारे में जितनी सूचना देने को तैयार होते हैं उससे कहीं अधिक फेसबुक को देने के लिए तैयार हैं, फेसबुक का मूल्य 30 अरब यूरो आंका जा रहा है और फेसबुक शुरू करने वाले 26 वर्षीय मार्क जुकरबर्ग की संपत्ति 7 अरब डॉलर है.
फाइट क्लब जैसी सफल फिल्म बनाने वाले निर्देशक डेविड फिंचर ने टीवी लेखक आरोन सोरकिन के साथ मिलकर इंटरनेट के विकास की गहराइयों को मापने वाली पटकथा लिखी और 4 करोड़ डॉलर की फिल्म बनाई. पिछले सप्ताहांत सिने प्रेमी द सोशल नेटवर्क देखने सिनोमा घरों पर टूट पड़े. बॉक्स ऑफिस पर कमाई रही सवा 2 करोड़ डॉलर. फिल्म बनाने का आधे से अधिक खर्च वापस.
फिल्म मार्क जुकरबर्ग के फेसबुक बनाने की कहानी कहती है, खासकर जब वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अंडरग्रेजुएट छात्र थे. डाटा मशीन की शुरुआत एक महिला से जुड़ी है. मनोविज्ञान के 19 वर्षीय छात्र जुकरबर्ग की प्रेमिका, जिसने एक झगड़े के बाद जुकरबर्ग को बाहर का रास्ता दिखा दिया. आपा खोने के बाद जुकरबर्ग पहले अपने ब्लॉग में उसे गालियां देते हैं, फिर यूनिवर्सिटी कंप्यूटर को हैक कर एक वेबसाइट पर महिला स्टूडेंट्स की तस्वीर डालते हैं जिसे पुरुष छात्रों ने अंक दिया होता है. 2004 में जुकरबर्ग अपने दोस्त एडुआर्डो के साथ फेसबुक साइट बनाते हैं और रजिस्टर कराते हैं. उसके बाद उसके सदस्यों की संख्या जंगल में लगी आग की तरह बढ़ने लगती है.
आलोचक फिल्म को सराह रहे हैं. इस फिल्म में युवा अरबपति जुकरबर्ग को कंप्यूटर सनकी के रूप में दिखाया गया है जो दूसरों की प्राइवेसी को छेड़ने से भी परहेज नहीं करता. बताने वाले बता रहे हैं कि जुकरबर्ग खुद को फिल्म में इस तरह दिखाए जाने का कड़ा विरोध कर रहे हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: अशोक कुमार