चार हजार साल से 'ससुराल' जा रही हैं लड़कियां
५ सितम्बर २०१७4000 साल पहले जर्मनी की महिलायें काफी गतिशील थीं और सैकड़ों मील चलकर अपने भावी पतियों के पास पहुंचती थीं. ये मानना है कई संस्थानों में काम कर रहे जर्मन रिसर्चरों का. उनके शोध के नतीजे अमेरिकी विज्ञान अकादमी पीएनएएस के जर्नल में प्रकाशित हुए हैं. उन्होंने बवेरिया प्रांत के लेषथाल में मिले 84 कंकालों का अध्ययन किया है. लाशों को 2500 से 1700 साल ईसा पूर्व दफनाया गया था. यह समय पाषण युग और कांसा युग के बीच का समय माना जाता है.
इस अध्ययन के प्रोजेक्ट लीडर और म्यूनिख के लुडविष मक्सिमिलियान यूनिवर्सिटी के फिलिप स्टॉकहामर का कहना है कि उस समय जानकारी और ज्ञान के आदान प्रदान में पुरुषों की नहीं बल्कि संभवतः महिलाओं की प्रमुख भूमिका हुआ करती थी. रिसर्चरों के अनुसार जांच में शामिल करीब दो तिहाई महिलाएं हाले और लाइपजिग के इलाके से करीब 17 साल की उम्र में संभवतः परिवार बसाने के लिए लेषथाल आयीं. स्टॉकहामर कहते हैं, "हर चीज इस बात का संकेत देते हैं कि कांसा युग में महिलाएं बहुत ही गतिशील थीं. पुरुषों के बारे में ऐसे कोई सबूत नहीं हैं."
कांसा युग में एल्बे और साले नदी के इलाकों में धातु के इस्तेमाल की तकनीक अत्यंत विकसित थी. महिलायें उन दिनों घुमंतू ज्ञान प्रचारक थीं संभवतः उन्होंने ज्ञान के प्रसार में योगदान दिया. कंकालों के वैज्ञानिक विश्लेषण से पता चला है कि कंकालों में भारी जेनेटिक विविधता है. यह इस बात का संकेत देता है कि कालावधि में बहुत सारी महिलाएं दूसरी जगहों से वहां आयीं. अध्ययन में शामिल मनहाइम की कुर्त एंगेलहॉर्न सेंटर की कोरीना क्निपर कहती हैं, "पिछले दांतों के स्ट्रॉन्टियम आइसोटोप विश्लेषण से, जो इंसान के उद्गम का पता देते हैं, हम तय कर पाये कि ज्यादातर महिलाएं उस इलाके की नहीं थीं."
रिसर्चरों ने अपने अध्ययन में सात जगहों पर पाये गये हड्डियों और दांतों की जांच की. ये हड्डियां और दांत उस समय के हैं जब दक्षिणी जर्मनी में किसान और पशुपालक रहा करते थे. इस स्टडी के जरिये साबित किया जा सका है कि महिलाओं का उस इलाके में आना सदियों तक चलता रहा. स्टॉकहामर बताते हैं, "ऐसा लगता है कि यह परंपरा थी जो कई सौ साल तक चलती रही." नयी जानकारी ने कई सवाल खड़े किये हैं. मसलन 17 साल की लड़कियां पति की खोज में अकेले नहीं निकली होंगी, वे यातायात के किस साधन का इस्तेमाल कर रही थीं? पुरुष इतनी दूर की महिलाओं को कैसे पा रहे थे? लोगों के बीच आपसी संपर्क का क्या तरीका था?
रिसर्चरों के लिए यह बात भी रहस्यपूर्ण है कि लेषथाल के इलाके में उन महिलाओं के वंशज नहीं पाये गये हैं. ऐसे नहीं हो सकता कि उनके बच्चे नहीं हुए होंगे. उन्हें दफनाने का तरीका स्थानीय लोगों से अलग नहीं था, इसलिए ये संभावना भी नहीं है कि उन्हें सिर्फ कामगारों के रूप में इस्तेमाल किया जाता होगा. 2016 में प्लोस वन पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट में स्वीडिश वैज्ञानिकों ने कहा था कि बवेरिया और बाडेन वुर्टेमबु्र्ग में हुई खुदाई में पता चला कि 2800 से 2200 ईसा पूर्व के काल में दफानाये गये लोगों में बड़ी तादाद वहां नहीं जन्मे लोगों की थी.
एमजे/एनआर (डीपीए)