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चट्टान पर चढ़ते चट्टानी इरादे

३० अप्रैल २०१४

क्लाइंबिंग या ट्रैकिंग एक जबरदस्त एडवेंचर है. लेकिन खराब मौसम में यह संभव नहीं. जर्मनी में करीब 400 इनडोर क्लाइंबिंग स्टेशन हैं, जहां युवा वर्ग के लोग लगातार आते रहते हैं.

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तस्वीर: STR/AFP/GettyImages

सेक्सनी में फाल्कनश्टाइन की चट्टानी पहाड़ी की 80 मीटर ऊंची चट्टानों पर चढ़ना आसान नहीं. अब कुछ पर्वतारोही यहां पहुंचे और इनमें ज्यादातर क्लाइंबरों ने वही रूट लिया है, जो डेढ़ सौ साल पहले पांच क्लाइंबरों ने लिया था और जो पहली बार इस चट्टान पर चढ़े थे. श्टेफान याकोब इसकी वजह बताते हैं, "हमारे सामने एक शानदार चट्टान है जिसका इतिहास भी बहुत खास है, रॉक क्लाइंबिंग के लिहाज से. इसके बिना हमारी जिंदगी एक तरह से अधूरी है. यह इस चट्टान पर चढ़ने की 150वीं सालगिरह है. हम ऐतिहासिक क्लाइंबरों के रास्ते से चढ़ेंगे. इस मौके पर तो आपको यहां होना ही चाहिए.

ड्रेसडेन शहर के क्रिस्टियान भी यहां आकर खुश हैं, "मेरे जीवन का यह अहम हिस्सा है. लगभग तीस साल से मैं ट्रैकिंग कर रहा हूं और आज भी मुझे पहले दिन जैसी खुशी होती है."

बलुआ पत्थर की चट्टानों पर चढ़ना आसान काम नहीं. तजुर्बेकार क्लाइंबरों को भी चढ़ने के लिए अपना पूरा दिमाग लगाना पड़ता है. किस्टियान कहते हैं, "आपको पता होना चाहिए कि आप अपने को कहां टिका सकते है. आपको यह भी सोचना चाहिए कि क्या मैं यह सचमुच कर सकता हूं. आपको ज्यादा सोचना पड़ता है, आपको पहले से जान लेना होता है कि क्या आपको यह फायदा पहुंचाएगा."

आल्प पहाड़ियों में कीलें ठोक कर क्लाइंबिंग की जाती है. लेकिन सैक्सन स्विट्जरलैंड में ऐसा नहीं किया जाता. क्लाइंबर कोशिश करता है कि ऐसे तरीके अपनाएं कि जिससे चट्टान को नुकसान न पहुंचे. लेकिन सालगिरह के मौके पर अनुभवी क्लाइबर बेर्न्ड आर्नोल्ड को थोड़ा शक है. वह 900 से ज्यादा नए रूट चढ़ चुके हैं जिनमें से कई बहुत ही मुश्किल रहे.

आर्नोल्ड विश्व के सबसे अच्छे क्लाइंबरों में से हैं. बर्न्ड के पास युवा ट्रैकरों के लिए एक खास टिप है, "आप खुद अपना मकसद तय करते हैं और आप खुद मापदंड तय करते हैं. किसी और से तुलना करने की जरूरत नहीं. अच्छी बात यह है कि आप अपने लिए कुछ करते रहते हैं. क्योंकि मुझे लगता है कि दूसरों से तुलना करके आप परेशान होते हैं."

1930 के दशक में यहां के प्रवासी अमेरिका में अपने स्टाइल की फ्री क्लाइंबिंग ले गए. 1970 से यह यूरोप में भी मशहूर है. इसी वजह से क्लाइंबिंग जर्मनी में आजकल इतना मशहूर हो पाई है. शहरों में तो अब कई लोग इनडोर क्लाइंबिंग करते हैं.

इस खेल में जबरदस्त एडवेंचर है. हालांकि इनडोर क्लाइंबिंग में ज़्यादा जोखिम नहीं, फिर भी ट्रैकरों को डर तो लगा रहता है कि कहीं गिर न जाएं. और जो उस डर से पार पा लेता है, वह चढ़ जाता है. क्लाइंबिंग, लाखों लोगों का पसंदीदा खेल और जिसकी शुरुआत फाल्केनश्टाइन की इस पहाड़ी पर डेढ़ सौ साल पहले हुई.

रिपोर्ट: गेरहार्ट सॉनलाइटनर/एजेए

संपादन: आभा मोंढे