घोड़े पर चैंपियनशिप लाया जर्मनी
२३ अगस्त २०१३अपने घोड़े डैमन हिल पर सवार होकर हेलेन लांगेहानेनबर्ग मैदान में आती हैं और कुछ इशारा करती हैं. तुरंत, घोड़ा संगीत की धुन पर नाचने लगता है. घोड़े का हल्के पैरों के साथ लयबद्ध मैदान पर चलना, आड़ा, तिरछा, सीधा, वो भी सवार के इशारों पर.
हालांकि डेनमार्क में एक दिन पहले तो लगा था कि कोई मेडल हाथ नहीं आएगा. लेकिन हेर्निंग में लांगेहानेनबर्ग की मुख्य परफॉर्मेंस के बाद बाजी जर्मन टीम के पाले में आ गई. टीम नीदरलैंड्स से थोड़ी आगे हो गई.
लांगेहानेनबर्ग ने कहा, "शानदार, यह बहुत ही बढ़िया है. यह मेरे जीवन की सबसे अच्छी राइड थी."
प्रतियोगिता के अंत में जर्मनी की टीम 234.651 प्रतिशत प्वाइंट पर थी. इसके बाद नीदरलैंड्स 233.967 और ब्रिटेन 233.540 अंकों पर था. 2005 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि जर्मनी ने यूरोपीय चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता हो. इससे पहले जर्मन घुड़सवार सिर्फ 2008 के ओलंपिक में सोना जीत पाए थे.
लांगेहानेनबर्ग, अपने घोड़े डैमन हिल के साथ पूरे प्रदर्शन के दौरान निश्चिंत रहीं. हालांकि क्रिस्टिना श्प्रेहे की डगमग शुरुआत ने थोड़ा दबाव बना दिया. श्प्रेहे ने कहा, "मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा कि यह काम कर गया." वह बहुत ही "ज्यादा डगमगा रही थीं."
खेल निदेशक डेनिस पाइलर ने जर्मनी की जबरदस्त वापसी के बारे में कहा, यह फुटबॉल जैसा हो गया, जब आपको एक हाफ में तीन गोल करने की जरूरत होती है.
11वां यूरोपीय खिताब जीतने वाली इसाबेल वेर्थ ने इस जीत के मौके पर कहा, "यह ऐतिहासिक है. ये अभी तक की सबसे रोमांचक यूरोपीय चैंपियनशिप थी. जर्मनी ड्रेसाज के लिए यह जीत बहुत महत्वपूर्ण है."
क्या है ड्रेसाज
ड्रेसाज घोड़े की ट्रेनिंग का सबसे ऊंचा स्तर है. जहां घोड़ा और सवार प्रैक्टिस के बाद तय कोरियोग्राफी पेश करते हैं. इसका सबसे सुंदर और मुश्किल हिस्सा होता है, घोड़े के जिमनास्टिक स्टेप्स. कुशल घुड़सवार की हल्के से आदेश के आधार पर घोड़ा चलता है. अक्सर ड्रेसाज को हॉर्स बैले भी कहा जाता है. यूरोप में इसकी संस्कृति काफी पुरानी है.
प्रतियोगिता के दौरान जज हर हरकत को आंकते हैं. इसमें वह मूवमेंट और स्टेप्स को शून्य से दस के बीच अंक देते हैं. नौ सबसे ज्यादा अंक हैं. अगले चरण तक जाने के लिए कम से कम छह अंकों की जरूरत होती है.
रिपोर्टः आभा मोंढे (एएफपी, डीपीए)
संपादनः ओंकार सिंह जनौटी