घोड़े के साथ कहां जाएंगे दिल्ली के तांगेवाले
१५ जुलाई २०१०कॉमनवेल्थ खेलों की तैयारी में जुटे दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) का कहना है कि तांगेवालों को पुरानी दिल्ली से फौरन हटाया जाएगा. तांगेवालों के लाइसेंस भी रद्द हो चुके हैं. नगर निगम ने नए लाइसेंस जारी नहीं किए हैं. एमसीडी के फैसले के खिलाफ तांगेवालों ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां से भी कोई खास राहत नहीं मिली है.
हाईकोर्ट ने तांगेवालों से कहा है कि वह हफ्ते भीतर के अंदर अपने लिए कोई और जगह चुन लें. नई जगह के बारे में वह 15 दिन के भीतर एमसीडी को जानकारी दें. नगर निगम की नेशनल वेंडिंग पॉलिसी की तहत वह एमसीडी अधिकारियों से मिलें. यह आदेश देते हुए अदालत ने एमसीडी के खिलाफ छह तांगेवालों की याचिका निपटा दी.अदालत ने कहा है कि अगर तांगेवाले हफ्ते भर के भीतर किसी नतीजे पर नहीं पहुंचते हैं तो एमसीडी को पूरा अधिकार है कि वह तांगेवालों के खिलाफ कार्रवाई करे.
तांगे कभी दिल्ली की पहचान हुआ करते थे. भारत में इक्के-तांगों का चलन 600 साल से ज्यादा पुराना है. लेकिन नगर निगम का कहना है कि तांगे गंदगी फैलाते हैं और ट्रैफिक की गति को हल्का करते हैं. तांगेवाले को समर्थन करने वाले लोग कहते हैं कि इक्का-तांगा बिना प्रदूषण के लोगों को यहां से वहां पहुचांती है. विदेशी पर्यटक भी तांगों की सवारी को खासा पसंद करते हैं. लेकिन अब एमसीडी के फैसले से तांगेवालों को दिन रात अपनी और अपने घोड़ों की फिक्र सता रही है.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: उभ