घर वापसी पर अर्जेंटीना का भव्य स्वागत
५ जुलाई २०१०क्वार्टर फाइनल में जर्मनी से मिली हार के बाद रविवार को अर्जेंटीना की टीम घर पहुंची. राजधानी ब्यूनस आयर्स के एयरपोर्ट से खिलाड़ी और कोच मैराडोना एक बस पर सवार होकर बाहर निकले. बाहर का नजारा चौंकाने वाला और हार के दुख को कम करने वाला था. हजारों प्रशंसक हाथों में पोस्टर और बैनर लिए टीम और कोच के समर्थन में सड़कों पर मौजूद थे. टीम के जोरदार स्वागत के दौरान ''डियागो, डियागो'' और ''डियागो बने रहो, हम तुम्हारे साथ हैं'' जैसे नारे गूंज रहे थे.
ज्यादातर समर्थकों ने टीम की जर्सी पहनी हुई थी. कुछ पोस्टरों में ''डियागो 2014'', ''हम खुश हैं, डियागो काम जारी रखो'' जैसे नारे लिखे गए थे. एक प्रशंसक ने कहा, ''मैं डियागो को देखने के लिए 1,400 किलोमीटर की यात्रा करके आया हूं. मैं उन्हें अपनी जान से ज्यादा प्यार करता हूं. हम जीतेंगे और बदला भी लेंगे. हम कोपा अमेरिका कप जीतेंगे.''
वर्ल्ड कप का सपना टूटने से डियागो मैराडोना बेहद निराश हैं. भावुक मैराडोना कोच के पद से इस्तीफा देने का मन बना रहे हैं. फुटबॉल जगत के महानतम खिलाड़ियों में एक मैराडोना का कहना है, ''फैसला लेने से पहले मुझे अपने परिवार और खिलाड़ियों से बात करनी है.'' वह पहले ही कह चुके हैं कि जर्मनी से मिली हार उनके जीवन का सबसे खराब लम्हा है. बहरहाल अब मैराडोना को अर्जेंटीना फुटबॉल फेडरेशन के अध्यक्ष जुलिओ ग्रोंडोना से मिलना है. सोमवार को होने वाली इस मुलाकात के बाद कई बातें साफ हो सकेंगी.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: एन रंजन