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घरेलू जिहादियों की चुनौती

महेश झा (रॉयटर्स, एएफपी, डीपीए)३१ अक्टूबर २०१४

कनाडा में दो सैनिकों की हत्या के बाद पश्चिमी देश सुरक्षा में चौकसी ला रहे हैं तो जिहाद के लिए सीरिया और इराक जाने के इच्छुक युवा जर्मनी और भारत जैसे देशों के लिए भी चिंता पैदा कर रहे हैं.

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तस्वीर: picture alliance/Wolfram Steinberg

स्थिति से निबटने के लिए अलग अलग देशों में अलग अलग रणनीतियों पर काम किया जा रहा है. कनाडा में ब्रिटेन के डिरैडिकलाइजेशन कार्यक्रम की तर्ज पर भावी जिहादियों को सलाह देने का अभियान शुरू किया जा रहा है तो जर्मनी सीरिया और इराक के युद्धक्षेत्र से वापस लौटने वाले जिहादियों पर नजर रखने के लिए यूरोपीय स्तर पर हवाई यात्रा के डाटा को सुरक्षित रखने की मांग कर रहा है.

हवाई यात्रियों का डाटा

वापस लौटने वाले संदिग्ध जिहादियों की बढ़ती संख्या से चिंतित जर्मन सरकार यूरोप में पैसेंजरों के नामों की जानकारी का डाटाबेस बनाने पर जोर डाल रही है. जर्मन गृह मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि कुछ यात्राओं से आतंकी कैंपों और युद्ध वाले इलाकों में निवास की जानकारी मिल सकती है. यूरोपीय संघ में कई सालों में पीएनआर डाटा रखने पर बहस चल रही है लेकिन 2007 और 2011 में यूरोपीय आयोग द्वारा दिए गए प्रस्तावों को संसद ने अभी तक मंजूरी नहीं दी है.

Salafisten in Deutschland
जर्मनी में सलाफीतस्वीर: picture-alliance/dpa/B.Roessler

जर्मनी में विपक्ष इसका कड़ा विरोध कर रही है. लेफ्ट पार्टी के सांसद आंद्रे हुंको का कहना है कि सीमा पुलिस को विमान कंपनियों से सभी यात्रियों के बारे में पूरी जानकारी मिलती है, जिसकी मदद से खोजे जा रहे संदिग्धों को पकड़ा जा सकता है. ग्रीन पार्टी के सांसद कोंस्टांटिन फॉन नोत्स का कहना है कि बिना संदेह के हवाई यात्रियों का डाटा रखना उन्हें आम संदेह की कोटि में रखेगा और यूरोपीय मौलिक अधिकार चार्टर का हनन होगा.

जर्मनी के गृह मंत्री थोमस दे मेजियर ने स्वीकार किया है कि जर्मन जिहादी भी विवाद का हिस्सा हैं, इसलिए जर्मनी की जिम्मेदारी है कि दुनिया में जर्मनी से आतंक का निर्यात न हो. उन्होंने इस्लामिक स्टेट के साथ लड़ने वाले जर्मन जिहादियों के कारण जर्मनी की खास जिम्मेदारी के बारे में कहा, "वे हमारे बेटे और बेटियां हैं. उनका बड़ा हिस्सा यहां पैदा हुआ है, वे हमारे स्कूलों में गए हैं, हमारे मस्जिदों, हमारे खेल संघों में गए हैं. उनके चरमपंथी होने की जिम्मेदारी हमारी है."

आतंकवाद रोकने की योजना

कनाडा में सुरक्षा अधिकारी भावी जिहादियों को रोकने और उन्हें रोजगार में मदद देने के लिए एक योजना पर काम कर रहे हैं. धर्म बदल कर मुसलमान हुए हमलावरों द्वारा दो सैनिकों की हत्या के बाद इसे और भी जरूरी समझा जा रहा है. यह योजना ब्रिटेन के प्रिवेंट कार्यक्रम के तर्ज पर बनाई गई है जिसे ब्रिटेन ने 2005 में लंदन में हुए बम हमले के बाद शुरू किया था. उस समय 52 लोग मारे गए थे. लेकिन प्रिवेंट कार्यक्रम की कारगर न होने के कारण आलोचना हो रही है.

Verdacht auf Terroranschlag in Saint-Jean-sur-Richelieu, Kanada
कनाडा में आतंकी हमलातस्वीर: Reuters/Christinne Muschi

कनाडा के अधिकारियों का कहना है कि साल के अंत में शुरू किया जाने वाला उनका कार्यक्रम परंपरागत आतंकवाद विरोधी कदमों का संपूरक होगा. इससे पुलिस के लिए चरमपंथियों का पता करना और उन्हें कार्रवाई करने से दूर रखना संभव होगा. यह फैसला ऐसे समय में आया है जब कनाडा घरेलू जिहादियों के बढ़ते खतरे का सामना कर रहा है. कनाडा सरकार के अनुसार कोई 130 कनाडियाई इस्लामिक स्टेट जैसे संगठनों के साथ लड़ने के लिए विदेश गए हैं और उनमें से 80 देश वापस लौट आए हैं.

पश्चिमी देशों में खास चिंता उन लोगों से है जो खुद चरमपंथी हो जाते हैं और हमला होने तक जिनका पता करना मुश्किल है. आरसीएमपी कमिश्नर बॉब पॉलसन ने इस हफ्ते सीनेट की एक कमेटी के सामने कहा, "चरमपंथी बनने के शुरुआती लक्षण का पता करना और तय करना कि क्या कोई किसी भी स्तर के हमले की तैयारी कर रहा है, बहुत मुश्किल है." ब्रिटेन की तरह कनाडा के कार्यक्रम में भी स्कूलों, अस्पतालों, सामाजिक सेवाओं, धार्मिक संस्थानों और पुलिस दफ्तरों में सहयोगियों का एक नेटवर्क तैयार करने की योजना है जिन्हें संभावित चरमपंथियों की शिनाख्त करने की ट्रेनिंग दी जाएगी.

भारत में भी पिछले दिनों हैदराबाद पुलिस ने गूगल के एक पूर्व कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया जो संदिग्ध तौर पर इराक में इस्लामिक स्टेट के साथ शामिल होने की कोशिश कर रहा था. एक पुलिस अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि उसे उसके माता पिता के जरिए अच्छा व्यवहार करने की सलाह देकर छोड़ दिया गया. उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है. हैदराबाद पुलिस ने पहले भी सिमी के एक संदिग्ध ऑपरेटिव और उसके सहयोगी को गिरफ्तार किया था जो ट्रेनिंग के लिए अफगानिस्तान जाने की तैयारी में थे.