ग्रीस: बंद गली से बाहर निकलने की कोशिश
२ फ़रवरी २०१५साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस अनास्तासियादेस के साथ बातचीत के बाद सिप्रास ने कहा, "यूरोप के विकास के एजेंडा पर वापस लौटने के लिए साहसिक फैसले लेने चाहिए." उन्होंने चेतावनी दी कि सिर्फ ग्रीस या साइप्रस संकट में नहीं हैं बल्कि पूरा यूरोप है. साइप्रस के बाद प्रधानमंत्री सिप्रास इस हफ्ते इटली और फ्रांस जा रहे हैं. इसके पहले सिप्रास के वित्त मंत्री यानिस वारोफाकिस रविवार को फ्रांस और सोमवार को इंगलैंड गए थे.
वित्तीय संकट के चरम पर साइप्रस को मार्च 2013 में 10 अरब यूरो की तीन वर्षीय सहायता राशि दी गई थी. ग्रीस के लिए दी गई मदद 240 अरब यूरो की है. बदले में तीन कर्जदाताओं अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष, यूरोपीय संघ और यूरोपीय केंद्रीय बैंक ने दोनों देशों से दूरगामी सुधारों की मांग की है. ग्रीस की नई सरकार ने तिकड़ी के साथ अपना सहयोग तोड़ने की घोषणा की है. इसके अलावा रूस पर भी एथेंस और ब्रसेल्स में मतभेद उभर कर सामने आए हैं. सिप्रास ने ग्रीस और साइप्रस को रूस के साथ जरूरी पुल बताया है और आर्थिक युद्ध के खिलाफ चेतावनी दी है.
एथेंस और कर्जदाताओं के बीच फिलहाल नहीं पटने लायक मतभेद दिख रहे हैं, हालांकि ग्रीस ने समझौते का रुख दिखाया है. वित्त मंत्री वारोफाकिस ने कहा है कि कोई विवाद नहीं चाहता, ग्रीस को अपने सुधार कार्यक्रम के लिए थोड़ा समय चाहिए. उन्होंने कहा कि कर्ज की समस्या पर एकतरफा प्रतिक्रिया का ग्रीस सरकार का कभी इरादा नहीं था. उन्होंने कहा कि बचत नीति को विकास नीति से बदले जाने का मतलब यह नहीं है कि ग्रीस अपनी जिम्मेदारियां पूरी नहीं करेगा. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने ग्रीस का कर्ज माफ करने के विकल्प को अस्वीकार कर दिया है.
ग्रीस की नई सरकार को अमेरिका का समर्थन मिला है. राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सख्त बचत कार्यक्रम रोकने के फैसले के लिए समझ दिखाई है. ओबामा ने कहा, "आप उन देशों को जो मंदी में हैं और नहीं निचोड़ सकते." नीचे लुढ़कती अर्थव्यवस्था के लिए विकास की रणनीति चाहिए. सिर्फ इस तरह वह देश अपने कर्ज के बोझ को कम कर सकता है. ओबामा ने स्वीकार किया कि ग्रीस में ढांचागत सुधार जरूरी है, लेकिन तेजी से गिरते जीवनस्तर के बीच ऐसा करना संभव नहीं है.
इस बीच ग्रीस के दिवालिया होने का डर कम हो रहा है. सोमवार को एथेंस के शेयर बाजार के खुलने पर शेयर सूचकांक 6 फीसदी चढ़ाव के साथ शुरू हुआ तो बैंक सूचकांक 15.5 प्रतिशत तेजी के साथ. पिछले हफ्ते नई सरकार की टकराव की नीति के कारण ये दोनों इंडेक्स 14 और 38 फीसदी गिरे थे. इस बीच बाजार में यह उम्मीद की जा रही है कि ग्रीस और कर्जदाताओं के बीच सहमति हो जाएगी.
एमजे/आईबी (एएफपी, रॉयटर्स)