गोधरा कांड का आरोपी 14 साल बाद गिरफ्तार
१८ मई २०१६गोधरा में 14 साल पहले हुए रेल अग्नि कांड के एक आरोपी को अब पकड़ लिया गया है. यह आरोपी 14 साल से फरार था. 2002 में एक ट्रेन की दो बोगियों में आग लगा दी गई थी. इसमें 59 यात्रियों की मौत हो गई थी. इस अग्निकांड के बाद गुजरात में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी जिसमें सरकारी आंकड़ों के मुताबिक लगभग एक हजार लोगों की जान गई थी.
14 साल से फरार आरोपी को गुजरात एटीएस ने बुधवार को गिरफ्तार किया. एक एटीएस अधिकारी ने बताया कि गोधरा रेलवे स्टेशन पर 27 फरवरी 2002 को जिस अग्निकांड को अंजाम दिया गया, फारूक मोहम्मद भाना उसकी साजिश रचने वालों में से एक है.
एटीएस के मुताबिक भाना 2002 में घटना के वक्त गोधरा में पार्षद था. गिरफ्तारी से बचने के लिए वह मुंबई भाग गया था जहां उसने प्रॉपर्टी का धंधा शुरू कर दिया. एटीएस अधिकारियों ने बताया कि भाना की गिरफ्तारी एक सूचना के आधार पर हुई.
एक अधिकारी ने कहा, “बुधवार को भाना मुंबई से गोधरा जा रहा था. हमें इसकी सूचना मिली. हमने पंचमहल जिले के कलोल कस्बे में एक टोल प्लाजा के नजदीक उसे धर दबोचा.”
गोधरा कांड की एफआईआर में भाना पर आरोप है कि उसने अन्य आरोपियों के साथ गोधरा स्टेशन के करीब अमन गेस्ट हाउस में बैठक की और एस-6 कोच में आग लगाने की साजिश रची. एफआईआर के मुताबिक उसने मौलाना उमरजी के कहने पर एक अन्य पार्षद बिलाल हाजी के साथ मिलकर अन्य आरोपियों को साबरमती एक्सप्रेस की एस-6 बोगी को आग लगा देने को उकसाया. एटीएस ने मौलाना उमरजी को इस मामले का मुख्य आरोपी बनाया था लेकिन अदालत उन्हें पहले ही रिहा कर चुकी है.
27 फरवरी 2002 के गोधरा कांड में एटीएस ने जिन लोगों को आरोपी बनाया था, उनमें से कई लोगों को कोर्ट बरी कर चुकी है.
वीके/एमजे (पीटीआई)