गुमराह कर रहे हैं ललित मोदी: मनोहर
५ जून २०१०शशांक मनोहर ने इस बात से साफ इनकार किया है कि पुणे की बोली में चिरायु अमीन शामिल थे. मोदी के बयान पर कड़ी टिप्पणी करते हुए मनोहर ने कहा कि मोदी ने ही पुणे कंसॉर्टियम को सलाह दी थी कि वे इसमें निवेशक के तौर पर अमीन को लें और आईपीएल के अंतरिम प्रमुख ने कहा था कि अगर बोली सफल होती है तो ही वे इसमें निवेश करेंगे और इसके लिए उन्होंने बोर्ड की अनुमति ले ली थी.
मनोहर ने मोदी का विरोध करते हुए ये भी दावा किया कि आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल को सिटी कॉर्पोरेशन की अनिरुद्ध देशपांडे के पुणे टीम में व्यक्तिगत क्षमता के आधार पर निवेश करने के बारे में कुछ नहीं पता था. "सच बात तो ये है कि मोदी ने खुद ही महाराष्ट्र क्रिकेट संघ के अध्यक्ष अजय शिरके के ज़रिए पुणे फ्रैंचाइज़ी को संदेश भेजा था कि वे अमीन से संपर्क करें और उनसे कंसॉर्टियम का हिस्सा बनने का अनुरोध करें."
मनोहर ने कहा कि जब बोली लगाने वालों ने आमिन से संपर्क किया तो उन्होंने सहमति दी कि वे 10 फीसदी का निवेश इसमें करेंगे बशर्ते बोली सिटी कॉर्पोरेशन के पक्ष में लगे. "इस पत्र में साफ लिखा है कि अगर सिटी कॉर्पोरेशन बोली जीतती है तो वो बोर्ड से औपचारिक तौर पर संपर्क करेंगे और उनसे पुणे टीम में निवेश करने की अनुमति मांगेगे. इस पत्र से ये बिलकुल साफ होता है कि ये शर्त वाला एक प्रस्ताव था जिसमें कहा गया था कि अगर कॉर्पोरेशन बोली जीती तो ही बोर्ड से संपर्क करेंगे."
मनोहर ने मोदी पर आरोप लगाया कि वे अमीन और बोर्ड की छवि को धूमिल करना चाहते हैं. "ये बिलकुल साफ है कि मोदी का दावा कि आमीन ने बोली में हिस्सा लिया था गुमराह करने वाला बयान है. ये सिर्फ बोर्ड और उसके सदस्यों की छवि खराब करने के लिए दिया गया है. जब उन्होंने मुझ पर और सचिव श्रीनिवासन पर आरोप लगाए तो मैंने कुछ नहीं कहा. आज मैंने जवाब दिया क्योंकि वो बोर्ड और उसके सदस्यों की छवि धूल में मिलाना चाहते हैं."
आईपीएल की नई टीम पुणे की बोली सहारा ग्रुप ने जीती. एक विवाद उठ कर आया कि शरद पवार और उनकी बेटी सासंद सुप्रिया सुले भी बोली में शामिल थीं. सिटी कॉर्पोरेशन में पवार की 16 फीसदी हिस्सेदारी है लेकिन पवार का कहना है कि देशपांडे अपने दम पर पैसे लगाए. कंपनी इस बात के खिलाफ थी कि बोली में कंपनी का नाम कहीं आए. मनोहर का कहना है कि अगर आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल को पता होता कि देशपांडे व्यक्तिगत बल पर बोली लगा रहे हैं तो बोली सिरे से रद्द कर दी जाती. "मोदी जो सोचते हैं कि वे सभी मामलों में बोर्ड से ऊपर हैं उन्होंने ये नहीं सोचा कि ये सूचना को गवर्निंग काउंसिल को दी जाए." मनोहर का कहना था कि "मोदी का बयान और भी संदेहास्पद हो जाता है क्योंकि बोली में सिटी कॉर्पोरेशन का नाम लिखा गया था और इसमें देशपांडे के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. बोली सिरे से खारिज कर दी जाती क्योंकि बोली लगाने वाले के नाम में देशपांडे का कोई जिक्र ही नहीं था."
रिपोर्टः पीटीआई/आभा मोंढे
संपादनः ओ सिंह