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बजरंगी भाईजान जैसी गीता की कहानी

११ अगस्त २०१५

बेजुबान गीता की कहानी सलमान खान की फिल्म बजरंगी भाईजान जैसी ही है. टेलिविजन में तस्वीर देखने के बाद खुद को गीता का माता पिता बताने वाले दम्पति ने अब डीएनए टेस्ट कराने की बात कही है.

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Bajrangi Bhaijan
तस्वीर: Getty Images/AFP/D. Sarkar

"गीता मेरी ही बेटी है और मैं उसे पाकिस्तान से लाने के लिए अपना डीएनए टेस्ट कराने के लिए तैयार हूं," यह कहना है प्रतापगढ़ के एक गांव के रामराज का. उनका दावा है कि पाकिस्तान की गीता उन्हीं की बेटी सविता है, जो 2004 में बिहार से अपने मामा के मठ से खो गई थी. रामराज और उनकी पत्नी अनारा देवी का कहना है कि वे अपनी बेटी को पाकिस्तान से लाने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे और हर वह साक्ष्य देंगे जिससे उनकी मूकबधिर बेटी गीता पाकिस्तान से आ सके. अत्यंत भावुक रामराज पाकिस्तान के उस परिवार को बार बार दुआ देता है, जिसने उनकी बेटी को अपने यहां अपनी बेटी की तरह रख रखा है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी पाकिस्तान में रह रही मूकबधिर गीता को वापस लाने की पहल करते हुए प्रतापगढ़ के जिलाधिकारी को इस संबंध में साक्ष्य जुटाने के निर्देश दिए हैं. इन्हें फिर केंद्र सरकार के माध्यम से पाकिस्तान भेजा जाएगा ताकि गीता अपने वतन वापस लौट सके. रामराज और अनारा देवी मीडिया से जानकारी मिलने के बाद अपनी बेटी तक पहुंचने के लिए जिलाधिकारी से लेकर मुख्ममंत्री तक से गुहार लगा रहे हैं. स्थानीय पुलिस ने गीता के कथित माता पिता के सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने की व्यवस्था की. उन्होंने लखनऊ में कुछ अधिकारियों से मुलाकात भी की.

बजरंगी भाईजान जैसी कहानी

रामराज का साला 16 साल की उम्र में घर छोड़कर बिहार भाग गया था. वहां सलेमपुर छपरा में गौशाला मठिया नानकशाही मठ में वह बाबा ओमप्रकाश दास की शरण में रहने लगा. बाबा ओमप्रकाश का निधन हो जाने पर छोटे का नामकरण बाबा नारायणदास कर दिया गया और वह मठ का महंत हो गया. करीब 23 साल बाद जब वह अपने घर रामपुर आया तो परिजनों को उसके मठ का महंत होने की जानकारी मिली. मई 2004 में अनारा देवी अपने बच्चों एवं पति के साथ भाई के पास छपरा गईं. आठ साल की मंझली बेटी सविता मूक बधिर थी. अनारा सविता को वहीं छोड़ अन्य बच्चों और पति के साथ घर लौट आई. कुछ समय बाद सविता आश्रम से गायब हो गई. महीनों तक कुछ पता नहीं चलने पर एक नवंबर 2004 को नारायणदास ने छपरा थाने में सूचना दी लेकिन कोई खबर नहीं मिली.

गीता का इंतजार चल रहा था कि समाचार चैनलों पर पाकिस्तान में उसके मिलने की खबर आनी शुरू हुई जिसे देख लोगों ने रामराज और उनकी पत्नी अनारा को इस बारे में बताया. उसके बाद बेजुबान बेटी की तस्वीर लेकर वे महेशगंज थाने आए और बेटी को पाकिस्तान से लाने के लिए मदद का आग्रह किया. जिलाधिकारी ने दोनों को बुलाकर पूछताछ की और बेटी को पाकिस्तान से वापस लाने के लिए विदेश मंत्रालय से संपर्क साधा गया.

गीता की कहानी सामने आने के बाद उसे अपनी संतान बताने के लिए देश से चार परिवार सामने आए हैं. उत्तर प्रदेश के अलावा झारखंड, बिहार और पंजाब के भी एक परिवार ने गीता को अपनी संतान बताया है. बताया जाता है कि यह बच्ची जब पाकिस्तान पहुंची, तो उसे एक स्वयंसेवी संस्था को सौंप दिया गया और वहीं उसे गीता नाम मिला. सलमान खान ने भी गीता के असली परिवार का पता करने की अपील की है.

आईबी/एमजे (वार्ता)