गिलानी, अरुंधती पर देशद्रोह का मामला
२६ अक्टूबर २०१०भारतीय गृह मंत्रालय ने हरी झंडी तो दे दी है लेकिन दिल्ली पुलिस इस मामले में आगे कार्रवाई करेगी या नहीं इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए के तहत मुकदमा दायर किया जा सकता है. इस धारा के तहत देश के खिलाफ साजिश वाले मुकदमे आते हैं.
दिल्ली पुलिस अब केस को आगे बढ़ाने की संभावनाएं तलाश रही है. कहा जा रहा है कि दिल्ली पुलिस मुकदमा दर्ज करने से झिझक रही है क्योंकि एक बार मुकदमा अगर दर्ज होता है तो एफआईआर में जितने लोगों के नाम हैं उनकी सबकी गिरफ्तारी करनी जरूरी होगी.
बताया जा रहा है कि सोमवार को दिन में दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने भारतीय गृहमंत्रालय से विस्तार से इस बारे में चर्चा की. कश्मीर के अलगाववादी नेता गिलानी ने इस पर कहा, "मेरे नाम पर पहले ही 90 एफआईआर दर्ज हैं यह 91वीं होगी."
पिछले सप्ताह दिल्ली में कश्मीर मुद्दे पर नफरत भरे भाषण देने के लिए बाकी नेताओं पर भी मुकदमे के लिए गृहमंत्रालय ने सहमति दी.
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ सदस्य सत्य प्रकाश मालवीय ने अरुंधती रॉय से कश्मीर पर अपनी टिप्पणी वापस लेने को कहा है. मालवीय का कहना है, "अरुंधती रॉय की टिप्पणी ऐतिहासिक तथ्यों से मेल नहीं खाती और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को और देश को भ्रमित कर सकती है. ये बहुत ही आश्चर्य की बात है कि इस तरह की गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी ऐसे व्यक्ति ने की हैं जो देश की सबसे जानी मानी लेखक हैं."
अरुंधती ने कहा था कि "कश्मीर कभी भारत का अभिन्न हिस्सा रहा ही नहीं. ये एक ऐतिहासिक तथ्य है."
भारतीय जनता पार्टी ने इस सेमिनार की कड़ी आलोचना की थी. भारत के गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि 21 अक्तूबर को हुए सेमिनार में गिलानी के भाषण पर दिल्ली पुलिस कानून के अनुसार कार्रवाई करेगी. 'आजादी- इकलौता रास्ता नाम' के सेमिनार में सैयद अली शाह गिलानी, अरुंधती रॉय, माओवादी नेता वीवी राव सहित कई ने हिस्सा लिया था. सेमिनार में हिस्सा लेने वाले लोगों ने गिलानी से बहुत सवाल पूछे और एक ने उन पर जूता भी फेंका.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः एम गोपालकृष्णन