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गाजा जा रही नौका पर इस्राएली हमला, 10 की मौत

३१ मई २०१०

फलीस्तीन समर्थक कार्यकर्ताओं को लेकर गाजा जा रही एक नौका पर इस्राएल के हमले में कम से कम 10 लोग मारे गए हैं. यह नौका जरूरत की चीजें लेकर गाजा पट्टी जा रही थी जिसकी इस्राएल ने नाकाबंदी कर रखी है.

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तस्वीर: AP

यह हमला वॉशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतान्याहू की मुलाकात से एक दिन पहले हुआ है. हमले में मौतों की आधिकारिक पुष्टि करते हुए इस्राएली प्रवक्ता ने कहा है, "शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, 10 से ज्यादा यात्री मारे गए हैं." प्रवक्ता ने सोमवार तड़के हुए इस हमले में घायलों की संख्या नहीं बताई है.

वहीं मीडिया रिपोर्टों में हमास के अल अक्सा टीवी के हवाले से मरने वालों की संख्या 20 से ज्यादा बताई जा रही है जिनमें नौ तुर्की के नागरिक हैं. बताया जाता है कि हमले में एक वरिष्ठ अरब इस्राएली इस्माली नेता राइद सालाह की भी गंभीर रूप से जख्मी हो गए हैं.

इस्राएल के एक निजी टीवी चैनल के मुताबिक सहायता सामग्री लेकर जा रहे जहाज पर सवार कई लोगों ने इस्राएली मरीन कमांडो पर कुल्हाड़ी और चाकूओं से हमला किया. इसके बाद इस्राएली सैनिकों ने गोलीबारी शुरू की. हालांकि इस खबर में इस सूचना का कोई स्रोत नहीं दिया गया है.

वहीं इस्राएली सैन्य रेडियो का कहना है कि दोनों तरफ से झड़पें तब शुरू हुई जब नौका पर सवार लोगों ने इस्राएली नौसैनिकों के हथियार झीनने की कोशिश की. यह अभी साफ नहीं है कि क्या झड़पें सहायता सामग्री लेकर जा रही छह नौकाओं में से एक पर ही हुई या ज्यादा पर.

उधर तुर्की के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उसके जहाजों पर हुए हमले का दोतरफा रिश्तों पर बेहद गंभीर असर पड़ सकता है. एक लिखित संदेश में कहा गया है, "हम इस्राएली की इस अमानवीय कार्रवाई की निंदा करते हैं."

उधर हमास ने अरब और मुसलमानों से अपील की है कि वे दुनिया भर में इस्राएली दूतावासों के सामने प्रदर्शन कर इस हमले पर विरोध जताएं. फलीस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने इन हत्याओं को नरसंहार का नाम दिया है. वहीं अरब लीग के महासचिव अम्र मूसा ने कहा है कि यह मानवीय अभियान के विरुद्ध एक "अपराध" है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः प्रिया एसेलबोर्न