गर्मी और लू से सैकड़ों की मौत
२६ मई २०१५गर्मी का सबसे ज्यादा असर दक्षिणी राज्यों तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में है. अधिकारियों के मुताबिक सबसे ज्यादा मौतें भी यहीं हुईं हैं, मरने वालों में ज्यादातर मजदूर शामिल हैं. गर्मी और लू से मौत के मामले उत्तर प्रदेश, उड़ीसा और पश्चिम पंगाल में भी सामने आए हैं. उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में पारा 47.7 डिग्री तक पहुंचा.
भारतीय मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में भी मौसम की हालत ऐसी ही रहने वाली है. अधिकारियों के मुताबिक मरने वालों में ज्यादातर की उम्र 50 साल के करीब है और वे कामकाजी वर्ग के लोग हैं जिन्हें लू लगने का ज्यादा खतरा रहता है.
आंध्र प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग के निदेशक के धनंजय रेड्डी के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में लू और पानी की कमी के कारण करीब 325 लोगों की मौत हुई. उन्होंने कहा, "हम लोगों को सलाह दे रहे हैं कि वे सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक काम के लिए ना निकलें. हमने कई शहरी इलाकों में पानी और छाछ बांटने का भी प्रबंध किया है." उन्होंने बताया कि सभी सरकारी डॉक्टरों की छुट्टी रद्द कर दी गई है और अस्पतालों में मरीजों का जमघट लगा है.
पड़ोसी राज्य तेलंगाना में भी अधिकारियों ने लोगों को घरों के अंदर रहने की सलाह दी है. तेलंगाना में मरने वालों की संख्या 200 के ऊपर पहुंच चुकी है. कोलकाता में पिछले हफ्ते लू लगने से दो टैक्सी ड्राइवरों की मौत हो जाने के बाद टैक्सी चालकों ने 11 बजे से 4 बजे के बीच काम ना करने का फैसला किया है.
गर्मी और लू से बचने के लिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा पानी पीने और घरों के अंदर रहने की सलाह दी जा रही है. राहत के लिए बेसब्री से मानसून का इंतजार हो रहा है. उम्मीद की जा रही है कि मानसून दक्षिणी तटरेखा तक 31 मई तक पहुंचेगा. उसके बाद उत्तरी राज्यों तक मानसून पहुंचने में उसे कुछ हफ्ते और लग सकते हैं.
एसएफ/एमजे (रॉयटर्स,एएफपी)