गर्भपातः एक वर्जित विषय
अर्जेंटीना में गर्भपात पर रोक है. फिर भी हर साल करीब पांच लाख महिलाएं गर्भपात को मजबूर होती हैं. वहां के तीन फोटोग्राफरों ने इस मुद्दे को उठाया.
चुप्पी
मोनिका कहती हैं, 'यह मेरा शरीर है.' इस प्रदर्शनी के जरिए तीनो फोटोग्राफर अर्जेंटीना में गर्भपात के खिलाफ अभियान शुरू करना चाहते हैं. वहां के समाज में यह विषय वर्जित है.
कोई गाइडलाइन नहीं
23 साल की एलुने को इस संघ ने मदद की. वे कहती हैं, "मैं खुद तय करना चाहूंगी कि मैं कब मां बनू." हालांकि जब दवाइयों से किए जाने वाले गर्भपात सही तरीके से नहीं किए जाते, तो खतरनाक साबित होते हैं. डॉक्टर अक्सर इतनी गंभीर दवाओं को बिना किसी जानकारी के बेच देते हैं.
जेल में गर्भपात
सोनिया सांचेज से जबरन देह व्यापार करवाया जाता है. उनके पांच गर्भपात करवाए गए, सभी जेल में. उन्हें अवैध देह व्यापार के आरोप में पकड़ा जाता. वह ऐसे लोगों के कारण गर्भवती होती, जो चकला चलाने वाली को बिना कंडोम के सेक्स के लिए ज्यादा पैसा देते. अब महिला अधिकारों के लिए काम करने वाली सोनिया कहती हैं, 2012 में ऐसे गर्भपात को अनुमति दी गई, जो रेप के कारण हुआ हो या फिर जिससे महिला की जान को खतरा हो.
निजी आजादी के लिए
मेरा शरीर मेरा है, यह दलील अर्जेंटीना में नहीं चलती. यहां गर्भपात पर रोक है. लेकिन फिर भी 27 साल की कैमिला की तरह यहां कई सौ महिलाएं गर्भपात करवाती हैं. उन्होंने अपनी पीठ पर यह टैटू बनवाया है, जिस पर लिखा है, लिबर्टाड यानी आजादी. यह तस्वीर 11 हफ्ते, 23 घंटे, 59 मिनट, अर्जेंटीना में अवैध गर्भपात नाम की प्रदर्शनी का हिस्सा है.
नए साल पर
यह फोटो मारा की कहानी सुनाती है, जो 21 की उम्र में गर्भवती हो गई. उनके जीवनसाथी के परिवार ने धमकी दी कि अगर मारा ने बच्चा गिराया तो वे रिपोर्ट कर देंगे. उसका जीवनसाथी उसे छोड़ गया. 12 हफ्ते बाद उसने तय किया कि वह 2002 में नए साल की शाम अवैध क्लीनिक में गर्भपात करवाएगी.
पुरुष भी दुखी
गर्भपात सिर्फ महिलाओं को ही परेशानी में डालता है, ऐसा नहीं है. फोटोग्राफर लीजा फ्रांस, गुआदालुप गोमेज वर्डी और लिया मेउरीस की तस्वीरें यहीं बताती हैं. 24 साल के पेद्रो ने उनकी मित्र की सहायता की थी, जब 2012 में उसने गर्भपात का फैसला लिया. वो कहते हैं, "हमें अपराधियों सा महसूस हुआ."
घर में ही
कपड़ों के हैंगर, बुनाई की सलाई अंदर भोंक दी जाती है. सूचना की कमी, शिक्षा की कमी. विकल्प का मतलब महिलाओं के लिए है, गर्भपात के लिए घरेलू तरीके अपनाना. जो अक्सर जानलेवा साबित हो सकते हैं.
हर साल 100 की मौत
अर्जेंटीना के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक गर्भपात के कारण पैदा हुई जटिलताओं और रक्तस्त्राव के कारण हर साल 60 से 80 हजार महिलाएं अस्पताल में भर्ती होती हैं. इनमें से 100 अंदरूनी चोटों या गलत तरीके से किए गए गर्भपात के कारण मर जाती हैं. यह देश के गरीब इलाकों में सामान्य है.
70 हजार रुपये में
अवैध गर्भपात का धंधा फल फूल रहा है. डॉक्टर इसके लिए कम से कम 10,000 पेसो यानी करीब 65 से 75 हजार रुपये की मांग करते हैं. गर्भपात को कानूनी बनाने के लिए अभियान चला रहे डॉक्टर कार्दोसो ने भी गर्भपात करवाए हैं. और उन्होंने मरीजों की आय के हिसाब से उनसे फीस ली.
महिलाओं की उन्हीं को मदद
अर्जेंटीना का महिला संघ ला रेवुएल्टा मांग करता है, "टेक योर रोजरीस आउट ऑफ आर ओवरीज". कैथोलिक देश में यह एनजीओ गर्भपात को वैध करने की मांग कर रहा है. यह संघ महिलाओं को दवाओं का इस्तेमाल कर गर्भपात की सलाह देता है.