गणतंत्र दिवस की तैयारी
हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर तरह तरह की झांकी देखने को मिलती है. इस साल भी जवान कड़ाके की सर्दी को मात देते हुए परेड की तैयारी में जुटे हैं.
कड़ाके की सर्दी और परेड
दिल्ली में कड़ाके की ठंड और कोहरे के बावजूद सेना और अर्धसैनिक बल के जवान गणतंत्र दिवस परेड की तैयारी में जुटे हैं. जनवरी के मौसम में आम तौर पर सुबह के वक्त कोहरा होता है लेकिन जवान परेड की तैयारी बिना किसी बाधा के करते हैं.
कंधे से कंधा मिला कर
भारत इस साल अपना 65वां गणतंत्र दिवस मनाएगा. सेना, नौसेना और वायु सेना के जवान इस साल भी अपना जौहर पेश करेंगे. 26 जनवरी की परेड देखने के लिए हजारों लोग राजपथ पर इकट्ठा होते हैं.
मोटरसाइकिल पर करतब
परेड रायसीना हिल से शुरू होकर राजपथ होते हुए इंडिया गेट पर खत्म होती है. इस तस्वीर में जवान मोटरसाइकिल पर पिरामिड बनाने की कोशिश करते हुए.
राज्यों का प्रतिनिधित्व
गणतंत्र दिवस की परेड में देश के अलग अलग राज्यों का प्रतिनिधित्व होता है. इस तस्वीर में जवान मोटरसाइकिल पर स्टंट करता हुआ.
जापानी प्रधानमंत्री मुख्य अतिथि
शिंजो आबे इस साल गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि होंगे. परेड में मुख्य आकर्षण स्कूली बच्चे भी होते हैं जो रंग बिरंगी झांकी पेश करते हैं. इस साल अरुणाचल प्रदेश के 150 बच्चे भी परेड में अपनी प्रतिभा पेश करेंगे.
बहादुर बच्चों को सम्मान
इस साल भारत के 22 बच्चों को राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार 2012 से नवाजा जाएगा. सम्मान पाने वालों में चार लड़कियां और 18 लड़के हैं. गणतंत्र दिवस की परेड में ये सभी बच्चे शामिल होंगे.
पहली बार सलामी
राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार प्रणब मुखर्जी सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक बलों की सलामी लेंगे.
ऊंट पर जवान
भारतीय सेना के जवान ऊंट पर सवार. भारत 26 जनवरी की परेड के जरिए विज्ञान, कृषि, सैन्य, संस्कृति की विविधता को पेश करता आया है.
छुट्टी का दिन
26 जनवरी को देश भर में स्कूल और दफ्तर बंद रहते हैं. जो लोग दिल्ली में रहते हैं वो परेड देखने की चाहत रखते हैं और जो राजधानी से बाहर होते हैं, गर्म चाय के साथ परेड का मजा लेते हैं. अगरतला में परेड की तैयारी करते राज्य पुलिस के जवान.