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गंभीर, नेहरा के श्रीलंका जाने पर नाराज़गी

१० अप्रैल २०१०

चोट के आयुर्वेदिक इलाज के लिए आशीष नेहरा और गौतम गंभीर के श्रीलंका जाने से स्वास्थ्य मंत्रालय नाराज़ है. मंत्रालय के मुताबिक़ भारत में आयुर्वेदिक इलाज की बेहतर सुविधाएं हैं और खिलाड़ियों का वहां जाना सही संदेश नहीं देता.

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तस्वीर: Fotoagentur UNI

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि डिपार्टमेंट ऑफ़ आयुर्वेद योग नेचरोपैथी यूनानी सिद्ध एंड होम्योपैथी (आयुष) के एक अधिकारी ने खेल मंत्रालय को इस संबंध में एक ख़त भी लिखा है. भारतीय चिकित्सा पद्धति के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय में अलग से विभाग है जिसे आयुष नाम दिया गया है.

Ashish Nehra
तस्वीर: AP

आयुष के एक अधिकारी का कहना है कि गौतम गंभीर और आशीष नेहरा का इलाज भारत के डॉक्टर ही अच्छी तरह कर सकते थे इसके बावजूद उन्होंने श्रीलंका जाने का फ़ैसला लिया. शायद यही कारण है कि गंभीर और नेहरा का इलाज के लिए कोलंबो जाना स्वास्थ्य मंत्रालय के गले नहीं उतर रहा है.

रिपोर्टों के मुताबिक़ मंत्रालय का मानना है कि भारत आयुर्वेद के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है और ऐसे में खिलाड़ियों का बाहर जाना सही नहीं कहा जा सकता. कॉमनवेल्थ खेलों से पहले स्वास्थ्य मंत्रालय आयुर्वेद और इलाज की अन्य भारतीय पद्धतियों को बढ़ावा देना चाहता है और ख़त में खिलाड़ियों से मदद की अपील भी की गई है.

गंभीर और नेहरा पिछले महीने आयुर्वेदिक इलाज के लिए श्रीलंका गए थे. श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने दोनों की आवभगत की और उन्हें श्रीलंका सरकार के विशेष मेहमान का दर्जा दिया गया था. गंभीर और नेहरा का इलाज एलियंथा व्हाइट ने किया.

स्वास्थ मंत्रालय की नाराज़गी और ख़त मिलने के बाद बीबीसीआई भी हरकत में आ गया है. बीसीसीआई ने इंडियन प्रीमियर लीग में डेल्ही डेयरडेविल्स टीम के मैनेजमेंट को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. डेयरडेविल्स प्रबंधन से पूछा गया है कि बीसीसीआई की पूर्व अनुमति के बिना गौतम गंभीर और आशीष नेहरा को उनकी चोट के इलाज के लिए कैसे श्रीलंका भेज दिया गया.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए कुमार