खूबसूरत द्वीप पर शरणार्थियों की लहर
ग्रीक द्वीप कॉस पर बड़ा रिफ्यूजी ड्रामा हो रहा है. ग्रीक सरकार विभिन्न राष्ट्रीयताओं के बीच विवाद को बढ़ने से रोकने की कोशिश कर रही है. एक जहाज शरणार्थियों के लिए स्वागत केन्द्र के रूप में काम कर रहा है.
आश्रय
एक बड़ा जहाज "इलेफ्थेरियोस वेनिजेलोस" अब एक आपातकालीन बसेरे के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. एथेंस सरकार ने इस जहाज को चार्टर किया है जिसमें 2,500 लोगों को रखा जा सकता है. इसके अलावा यहां शरणार्थियों का रजिस्ट्रेशन केंद्र भी बनाया गया है. ग्रीक मेनलैंड में जाने की आज्ञा मिलने के लिए पहले रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है.
खुलते रास्ते
यहां जहाज पर ही शरणार्थियों को कुछ दिनों तक रखने का इंतजाम है. बाहर से आने वाले लोग जब रजिस्ट्रेशन करा लेते हैं और उनके पास सही कागजात हों, तो उसके बाद शरणार्थियों को ग्रीस मेनलैंड में आश्रय दिया जा सकता है. लेकिन कई लोगों के लिए ग्रीस केवल एक ट्रांजिट है. वे ग्रीस के रास्ते पश्चिमी यूरोप के दूसरे देशों में जाना चाहते हैं.
केवल सीरियाई
जहाज के बाहर रात रात भर खड़े रह कर शरण लेने के इच्छुक लोग इंतजार करते हैं. सुरक्षा कारणों से ग्रीक प्रशासन ने केवल सीरिया से आए शरणार्थियों को ही जहाज पर रखने का फैसला किया है. इसका मकसद अलग अलग देशों से आए लोगों के बीच विवाद भड़कने से रोकना है.
संकटग्रस्त इलाकों से
ग्रीस के कॉस द्वीप पर दुनिया के कई देशों से लोग पहुंच रहे हैं. आधे से अधिक लोग यहां सीरिया से पहुंचे हैं. इसके अलावा अफगानिस्तान, पाकिस्तान, इराक और ईरान से भी कई लोग वहां आते हैं. माली, एरिट्रिया और सोमालिया जैसे अफ्रीकी देशों से भी कई शरणार्थी यहां पहुंचे हैं.
आसान यूरोप यात्रा
ग्रीस के कॉस द्वीप से तुर्की का तट (तस्वीर में पीछे) केवल 4 किलोमीटर दूर है. सीरिया और दूसरे देशों के लोग पहले तुर्की पहुंचते हैं. इस्तांबुल के तट से वे छोटी छोटी नावों पर सवार होकर यूरोप पहुंचने की कोशिश करते हैं.
अंतत: ईयू में
यह आदमी (तस्वीर में) ईरान से निकलकर तमाम परेशानियां झेलता हुआ ईयू पहुंचा. ग्रीस के कॉस द्वीप पर अपनी पत्नी और बच्चे के साथ सकुशल पहुंचने पर उसके खुशी के आंसू निकल पड़े. लेकिन उसे पता नहीं कि यह खुशी जल्दी ही शरण की कई मुश्किलों में उलझ कर खो जाने वाली है.
बेघर
हर दिन कॉस द्वीप पर 600 से 800 लोग पहुंच रहे हैं. पिछले हफ्ते तक ही कुल 30 हजार निवासियों वाले इस छोटे से द्वीप पर करीब 7,000 रिफ्यूजी पहुंच चुके थे. कई रिफ्यूजियों को कहीं भी सिर छुपाने की जगह नहीं मिली. कहीं छोटे टेंट लगाए गए तो कई लोग खुले आसमान के नीचे ही रह रहे हैं.
कई सारे परिवार
काफी समय से कॉस में सीरियाई युवाओं का आना लगा था. लेकिन हाल के कुछ महीनों में लड़कियां, महिलाएं, छोटे बच्चे और गर्भवती महिलाएं भी कॉस पहुंची हैं. यहां का दुश्वारियों भरा जीवन इन परिवारों के लिए और भी मुश्किल है.