खतरे में 10 जानवर
विश्व वन्यजीव कोष ने दुनिया भर के जानवरों की कुछ प्रजातियों को बेहद खतरे में बताया है. कटते जंगल और अंधाधुंध तस्करी और शिकार से इन जानवरों की संख्या घटती जा रही है और इनके विलुप्त होने तक का खतरा छा गया है.
आमूर तेंदुआ
खूबसूरत फर के लिए यह खूबसूरत जानवर बलि चढ़ जाता है. रूस और चीन में ये तेंदुआ खास तौर पर पाया जाता है. जंगलों की कटाई की वजह से ये और मुश्किल में हैं. इनकी खाल 500 से 100 डॉलर के बीच बिकती है.
काला गेंडा
केन्या, दक्षिण अफ्रीका, तंजानिया, कैमरून और इसके आस पास के अफ्रीकी देशों में काले गेंडे मिल जाते हैं. लेकिन ये तेजी से घटते जा रहे हैं क्योंकि सींग के लिए इन्हें मार दिया जाता है. दक्षिण अफ्रीका में 2010 की रिपोर्ट बताती है कि उस साल 333 गेंडे मारे गए. यानि हर रोज करीब करीब एक गेंडा.
क्रॉस रीवर गुरिल्ला
नाइजर और कैमरून जैसे देशों में इस प्रजाति के गुरिल्ले को मारना गैरकानूनी है. लेकिन कानून को सख्ती से नहीं लागू किया जाता है. ताजा सर्वे बताता है कि दुनिया में 200-300 ऐसे गुरिल्ले ही बचे हैं. यानि हर गुरिल्ले की मौत के साथ इस प्रजाति के खत्म होने का खतरा बढ़ता जा रहा है.
हॉक्सबिल कछुआ
खाल और मांस के लिए इस कछुए को मार डाला जाता है. दूर से यह दूसरे कछुओं की ही तरह लगता है, लेकिन इसके चितकबरे धब्बे इसे अलग करते हैं. हिन्द, प्रशांत और अटलांटिक महासागर में पाए जाने वाले इस कछुए को बचाने की मुहिम तेज की गई है.
सुंडा गेंडे
भारत, चीन और इंडोनेशिया में खास तौर पर पाए जाने वाले इन गेंडों की संख्या लगातार घट रही है. इसके सींग की कीमत 30,000 डॉलर प्रति किलो तक होती है और चीन में एक खास दवा के लिए इसका इस्तेमाल होता है. लेकिन इसकी वजह से गेंडे की यह प्रजाति ही खत्म होती दिख रही है.
लेदरबैक कछुआ
मछली मारने की वजह से यह कछुआ तेजी से घटने लगा. अटलांटिक में पाया जाने वाला खास तरह का कछुआ सभी कछुओं से बड़ा होता है. इसका भोजन मछलियां हैं, जो लगातार घटती जा रही हैं. ऊपर से समुद्र में फैलते प्लास्टिक भी यह गलती से खा ले रहा है, जिससे इसकी मौत हो रही है.
साओला
वियतनाम और आस पास के देशों में बकरी जैसा यह जानवर अभी भी पाया जाता है. 2010 में लाओस में गांववालों ने एक साओला को पकड़ लिया, लेकिन जब तक वन अधिकारी पहुंचते, इसने दम तोड़ दिया. हालांकि 2013 में पता चला कि वियतनाम के जंगल में अभी भी साओला बचे हैं.
सुमात्रा हाथी
दो साल पहले तक सुमात्रा हाथी को खतरे से ’बुरी तरह खतरे’ वाली प्रजाति में डाल दिया गया. क्योंकि पिछले 20 साल में इसकी आधी आबादी गुल हो गई. यह मानव हाथी के बीच संघर्ष का नतीजा था. सुमात्रा में पिछले 25 साल में 70 फीसदी सुमात्रा हाथी लुप्त हो गए.
सुमात्रा टाइगर
यह इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप पर खास तौर पर पाया जाता है. 2008 की गणना के मुताबिक दुनिया में 441 और 679 से अधिक ऐसे बाघ नहीं पाए जाते हैं. इसके पड़ोसी बाली और जावा टाइगर पहले ही लुप्त हो चुके हैं. बंगाल टाइगर भी खतरे में है.
बिना पंख वाली सूंस
कुछ व्हेल और कुछ कुछ डॉल्फिन से मिलता जुलता यह मछलीनुमा जानवर आम तौर पर चीन की यांगसे नदी में पाया जाता है. वैसे यह भारत, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, चीन और जापान में भी मिलता है. लेकिन ताजा रिपोर्टें बता रही हैं कि इनकी संख्या लगातार गिरती जा रही है.