क्वेटा में आत्मघाती हमलाः 54 की मौत
४ सितम्बर २०१०यह हमला शिया समुदाय की एक रैली पर हुआ है जिसमें फलीस्तीन के साथ एकजुटता का प्रदर्शन किया जा रहा था. अमेरिका ने क्वेटा शहर में हुए हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि रमजान के पवित्र महीने में होने वाला यह हमला और भी निंदनीय है. पाकिस्तानी तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए धमकी दी है कि अमेरिका और यूरोप में जल्द हमले किए जाएंगे. तालिबान का कहना है कि उसके ठिकानों पर ड्रोन हमलों का बदला लेने के लिए वह और हमले की योजना बना रहा है.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि 54 लोगों की मौत हो गई है और 160 से ज्यादा घायल हैं. हमले के कुछ ही घंटों बाद तालिबान ने कहा कि सुन्नी उलेमा की हत्या का बदला लेने के लिए यह हमला किया गया. तालिबान ने पाकिस्तान सरकार को भी चेतावनी दी है, "क्वेटा हमले की जिम्मेदारी लेते हुए हमें गर्व का एहसास हो रहा है." इससे पहले तालिबान ने बुधवार को लाहौर शहर में शिया समुदाय के जुलूस पर हमले की भी जिम्मेदारी कबूली, जिसमें 33 लोगों की मौत हो गई.
आतंकवाद पर नजर रखने वाले अमेरिकी अधिकारी ने कहा है कि अल कायदा और तालिबान से अमेरिका और यूरोप को खतरा है और उसे कम करके नहीं आंका जा सकता. दो दिन पहले ही अमेरिका ने पाकिस्तानी तालिबान को विदेशी आतंकवादी संगठनों की सूची में डाला है और उसके नेता हकीमुल्लाह महसूद पर सात सीआईए अधिकारियों की हत्या की साजिश रचने का मामला दर्ज किया है. यह हमला पिछले साल अफगानिस्तान में दिसम्बर में हुआ था.
पाकिस्तान हाल के दिनों में बीते दशकों की सबसे भयंकर बाढ़ से जूझ रहा है और कुछ हफ्तों की शांति के बाद आत्मघाती हमले फिर शुरू हो गए हैं. तालिबान अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहा है और विश्लेषक मानते हैं कि उसकी कोशिश सरकार को अस्थिर करने की है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए जमाल