क्यों खास है नोवाक जोकोविच
टेनिस कोर्ट में वह कड़े प्रतिद्वंद्वी हैं और मैच खत्म होने के बाद वो फक्कड़ मस्तमौला इंसान हैं. ऐसी कई बातें है जो लोगों को जोकोविच का मुरीद बना देती हैं.
दर्शकों के लिए बड़ा सा दिल
पेरिस में पहली बार फ्रेंच ओपन जीतने के बाद सर्बियाई खिलाड़ी ने लाल रेत पर अपने टेनिस रैकेट से बड़ा सा दिल बनाया. उसके बाद उन्होंने दर्शकों का अभिवादन किया और दिल के बीच में लेट गए.
रैकेट गिफ्ट किया
आम तौर पर ग्रैंड स्लैम जीतने के बाद खिलाड़ी अपने रैकेट को चूमते हैं और फिर उसे यादगार के तौर पर संभाल लेते हैं, लेकिन नोवाक जोकोविच ऐसा नहीं करते. फ्रेंच ओपन जीतने के बाद जोकोविच ने अपना रैकेट पास मौजूद एक बच्चे को तोहफे में दे दिया.
मस्त रहने वाला खिलाड़ी
टेनिस को तमीज और सलीके से भरा खेल कहा जाता है. खिलाड़ियों से भी कुलीन व्यवहार की उम्मीद की जाती है. लेकिन जोकोविच इसे तोड़ते हैं. वह प्रेस के सामने या टेनिस कोर्ट पर नाचते भी हैं और खूब मजाक भी करते हैं.
नखरों से ज्यादा इंसानियत
खेल के दौरान तेज बारिश होने पर स्पॉट ब्यॉय या गर्ल का काम करने वाले बच्चे खिलाड़ी के पीछे छाता लेकर खड़े होते हैं. लेकिन जोकोविच छाता खुद पकड़ते हैं और बच्चे को अपनी जगह बैठाकर उसे अपना ड्रिंक पिलाते हैं. एक दो मौकों पर तो उन्हें बारिश में भीगे बच्चे के बाल भी अपने तौलिये से पोंछे.
मैच के बाद का दोस्त
हार हो या जीत, जोकोविच के चेहरे पर कभी घमंड या कड़वाहट नहीं दिखती. मैच खत्म होने के बाद वो सामने वाले खिलाड़ी से जिस तरह से मिलते हैं, उससे बहुत कुछ बयान हो जाता है. इस तस्वीर में हार के बाद मुस्कुराते जोकोविच.
आलोचकों को मुरीद बनाने वाले
सर्बिया के नोवाक जोकोविच जब टेनिस में आए तो उस वक्त रॉजर फेडरर और रफाएल नडाल की बादशाहत थी. जोकोविच इसे तोड़ते चले गए. शुरुआती दौर में उन्होंने इन खिलाड़ियों को हराने के लिए चिढ़ाने की कला भी अपनाई. तब लोगों ने उनकी खूब आलोचना की लेकिन नोवाक अपने प्रदर्शन और मस्तमौला रुख से आलोचकों को भी प्रशंसकों में बदलते चले गए.