क्या तलाश रही हैं सोहा अली खान
२६ नवम्बर २०१०अपने करियर की शुरुआत में दो बांग्ला फिल्मों इति श्रीकांत और अंतरमहल में काम करने वालीं अभिनेत्री सोहा अली खान अब फिर बांग्ला फिल्मों में काम करना चाहती हैं. क्रिकेटर पिता और अभिनेत्री मां की संतान सोहा को बंगाल कनेक्शन तो विरासत में ही मिला है और वह बॉलीवुड में पांव जमा चुकी हैं. लेकिन अब उन्हें बेहतर भूमिकाओं की तलाश है. हाल में एक प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार देने के सिलसिले में कोलकाता आईं सोहा ने कहा कि डॉयचे वेले से बातचीत में अपने जीवन और करियर से जुड़े कुछ सवालों के जवाब दिए. यहां पेश हैं उसके प्रमुख अंशः
आपने अपना करियर बांग्ला फिल्म से शुरू किया था. लेकिन बाद में आप इन फिल्मों में नजर नहीं आईं?
मुझे बांग्ला फिल्मों से बेहद लगाव है. मैं आगे भी इनमें काम करना चाहती हूं. मुझे बेहतर भूमिकाओं की तलाश है.
आपने अपने करियर में देश के जाने-माने निर्देशकों के साथ काम किया है. यह अनुभव कैसा रहा?
मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे कुछ टॉप निर्देशकों के साथ काम करने का मौका मिला. इनके प्रति मेरे मन में गहरा सम्मान है. मैं आगे भी ऋतुपर्णो घोष, सुधीर मिश्रा और राकेश ओमपप्रकाश मेहरा जैसे निर्देशकों के साथ काम करना चाहती हूं. इन लोगों ने मुझे ऐसी भूमिकाएं दीं जिनमें मुझे अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला.
आपको क्या लीक से हट कर भूमिकाएं ही पसंद हैं?
मुझे अच्छी भूमिकाएं पसंद हैं. मुझे लगता है कि अंतरमहल और रंग दे बसंती जैसी फिल्मों ने मेरी पहचान बनाई.
आपने अंग्रेजी फिल्म लाइफ गोज ऑन में पहली बार अपनी मां शर्मिला टैगोर के साथ काम किया है. यह अनुभव कैसा रहा?
सच कहूं तो शुरुआत में मैं काफी नर्वस थी. इस फिल्म में भी हम दोनों असली जीवन यानी मां-बेटी की भूमिका में ही हैं. शर्मिला के साथ कलाकार के तौर पर काम करना काफी चुनौतीपूर्ण अनुभव था. लेकिन फिर ऐसी ही भूमिकाएं आपको बेहतर अभिनय की प्रेरणा देती है.
फिल्मों में कामयाबी के लिए कौन-सी चीज सबसे ज्यादा मायने रखती है?
वह चीज है आपका अभिनय. अगर प्रतिभा है तो आपको कोई आगे बढ़ने से नहीं रोक सकता. अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन के लिए ही मैं अलग-अलग किस्म की भूमिकाएं तलाशती रहती हूं. अभिनेता जब तक विविधता नहीं तलाशता, उसके प्रदर्शन में निखार आना मुश्किल है.
शादी के बारे में कोई फैसला?
फिलहाल तो मेरा पूरा ध्यान करियर पर है. इस समय मैं अभिनय का आनंद ले रही हूं. इसके अलावा अभी परिवार में मुझसे बड़े लोग बैठे हैं. पहले मेरी बहन और भाई की शादी हो जाए. उसके बाद ही मेरी बारी आएगी.
मां के साथ तो अभिनय कर लिया. अब अपने भाई सैफ अली के साथ किसी फिल्म में अभिनय का कोई इरादा है?
इसके लिए भाई और बहन की कहानी में गुंथी एक अच्छी पटकथा जरूरी है. मैं सैफ की हीरोइन की भूमिका तो निभा नहीं सकती और हरे रामा हरे कृष्णा जैसी फिल्में आजकल बनती कहां हैं. जब मौका आएगा तब देखेंगे.
साक्षात्कारः प्रभाकर, कोलकाता
संपादनः वी कुमार