क्या कहता है फैशन
चाहे पेरिस हाईक्लास फैशन हो या फिर जहाज पर काम करने वालों के कपड़े. 1914 के आस पास का फैशन पहनने वाले कलई खोल देता है, उसके सामाजिक और आर्थिक जीवन की पूरी कहानी कह डालता है.
फैशन का सरताज
पेरिस 1914 में भी फैशन का अहम केंद्र था. रेडफर्न फैशन हाउस के डिजाइनरों ने ये शालीन ड्रेस बनाया. हल्की फिटिंग के साथ लाल और सफेद पट्टियों, बटनों और लाल जेबों वाला. एक लाल जैकेट और उसके साथ काले सिल्क की टाई.
फर का फैशन
पेरिस के फैशन हाउस रेविलाँ फ्रेयेर ने उच्चवर्ग के लिए फर के कपड़े डिजाइन किए. ये कपड़े खूब पसंद किए गए. 1900 के आसपास के साल एक ऐसे दौर का अंत था जो अलगाव, भविष्य के डर और पतन के बीच का समय था.
हर मौके के लिए
जैसा कि दिखाई दे रहा है, हर मौके के लिए एक ड्रेस. फ्रांसीसी फैशन मैगजीन ने दोपहर में पहनने के लिए इस तरह की एक ड्रेस पेश की थी.
बिलकुल सादा
पेरिस के फैशन और बर्लिन के कपड़ों के बीच जमीन आसमान का फर्क था. यह तस्वीर एक समारोह के दौरान ली गई थी. उनके युवा चेहरों पर भारी भरकम से दिखने वाले कपड़े बिलकुल मैच नहीं करते.
बच्चों के लिए
1900 के दशक में जर्मनी में मरीन शब्द बहुत जादुई था. सब इसके दीवाने थे. सम्राट विल्हेम द्वितीय ने कहा था, "हमारा भविष्य समंदर में है." इसके बाद मैरीटाइम फैशन शुरू हुआ. इसमें बच्चों का ये ड्रेस बहुत लोकप्रिय हुआ.
संभ्रात घर की किशोरी
रईस या उच्चवर्ग की लड़कियों को स्कूल के बाद बोर्डिंग स्कूल में भेजा जाता था जहां वे कढ़ाई बुनाई या घर के काम करना सीखतीं. ताकि वे कुशल गृहिणी और मां बन सकें.
बर्लिन का रविवार
रविवार यानि घुड़दौड़ और रेसिंग में पैसे लगाने का दिन. रईस लोग उस समय रविवार को बर्लिन के ग्रूनवाल्ड रेसकोर्स पर होते थे.
बिकिनी?
बेल्जियम के ओस्टेंडे में स्विमिंग कॉस्ट्यूम की तस्वीर, महिलाएं टोपी, ब्लाउज और छोटी पैंट्स पहनतीं और पुरुष सामान्य पैंट्स को घुटने तक ऊपर कर कोट और टोपी के साथ पहनते.
ड्रेस के नीचे क्या
इन कपड़ों में गहरी सांस लेना नामुमकिन है.1914 में महिलाएं ड्रेस के नीचे इस तरह के कॉर्सेट पहनती थीं. चोली जैसे डिजाइन के इस ड्रेस में आगे और पीछे दोनों ओर कसने के लिए बंद होते थे.
सुरक्षित
चाहे बर्लिन हो, पेरिस या फिर वियेना, बिना टोपी के उस समय महिलाएं घर से नहीं निकलती थीं. तस्वीर में संभ्रांत वर्ग की महिलाएं फूल खरीदती हुई.