क्या कहता है जर्मनी के सबसे लोकप्रिय चांसलर का घर
1974 से 1982 तक जर्मनी के चांसलर रहे हेल्मुट श्मिट का घर अब म्यूजियम में बदल गया है. देखिये कैसे रहते थे जर्मनी के लोकप्रिय चांसलर श्मिट.
कला से स्वागत
हेल्मुट श्मिट और उनकी पत्नी लोकी श्मिट कलाप्रेमी थे. उनका आर्ट कलेक्शन काफी बड़ा था. इसमें अनजाने कलाकारों से लेकर नामी कलाकारों की कृतियां थीं.
अब भी जीवंत
श्मिट का नवंबर 2015 में निधन हुआ, लेकिन उनके घर में बने ऑफिस को देखकर बिल्कुल नहीं लगता कि वहां कुछ बदला हो. मेज पर आधी जली मोमबत्ती और मैंथॉल सिगरेट का एक पैकेट जस का तस है.
नाविकों वाला बार
जर्मनी के तटीय शहर हैम्बर्ग से आने वाले श्मिट ने अपने घर पर बार भी बंदरगाह स्टाइल का बनवाया. बार में वो सब कुछ है जो एक नाविक की जिंदगी का हिस्सा होता है.
डायनिंग टेबल
पेंटिंग और मूर्तियों से घिरे श्मिट दंपत्ति यहां खाना खाया करते थे.
गर्माहट वाला कोना
हेल्मुट श्मिट चिमनी के बगल में कई गानों के कलेक्शन रखा करते थे. जीवन के आखिरी दिनों में उन्हें सुनने में परेशानी होने लगी. तब उन्होंने गानों के रिकॉर्ड हैम्बर्ग के म्यूजिक एंड एक्टिंग स्कूल को दान कर दिये.
पंसदीदा खेल
लोकी और हेल्मुट श्मिट शतरंज के दीवाने थे. रोज के काम के बाद वे शतरंज खेलने के लिए समय निकालते थे. इतना ही दोनों छुट्टियों में भी शतरंज खेला करते थे. एक बार हेल्मुट श्मिट ने कहा था, "मैंने बचपन में अपने पिता से शतरंज खेलना सीखा, तब से अब तक में ज्यादा नहीं सीख पाया हूं."
संगीतकार श्मिट
पूर्व चांसलर एक शानदार पियानो वादक भी थे. 1984 के बाद उन्होंने कई कॉन्सर्ट भी दिये. उन्होंने मोजार्ट जैसे बड़े संगीतकार की धुनें भी बजाईं. बुढ़ापे में ना सुन पाने के बावजूद वह पियानो बजाया करते थे.
हर जगह किताबें
घर में कोई भी ऐसा कमरा नहीं है जहां किताबें न हों. लिविंग के रूम के इस कोने में दशकों तक कई बड़े मेहमान आए.
पर्यावरणविद का गार्डन
लोकी श्मिट को पौधे और फूल बेहद पसंद थे. पर्यावरणविद लोकी ने जर्मन फाउंडेशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ इनडेंजर्ड प्लांट्स के लिए पहल भी की. बाद में यहां से कई पौधे हैम्बर्ग के बॉटेनिकल गार्डन में गए. अब उस गार्डन को लोकी-श्मिट गार्डन कहा जाता है.
हरियाली से भरा नजारा
सेब के पेड़, गुलाब और कमेलियाज और एक छोटा सा तालाब, गार्डन के इस नजारे का मजा लेते हुए हेल्मुट श्मिट पढ़ाई किया करते थे. पूरे घर का टूर हेल्मुट उंड लोकी श्मिट फाउंडेशन की बेवसाइट पर किया जा सकता है.