क्या आप दूसरों से बेहतर हैं?
लॉर्ड मेघनाथ देसाई का कहना है कि नेता वह जो बाधाओं को तोड़े. नेता और नेतृत्व की परिभाषा बदल रही है. समाज के हर क्षेत्र में नेताओं की जरूरत है, लेकिन अच्छा नेता बनने के लिए मानसिक मजबूती जरूरी है.
शरीर की ताकत तो जल्द बढ़ाई जा सकती है, लेकिन मानसिक ताकत बनाने में समय लगता है.
मानसिक ताकत का मतलब स्थिर सोच, यथार्थवादी आशावादिता और शारीरिक स्वास्थ्य.
भावनाओं और तार्किकता का संतुलन कामयाबी के लिए जरूरी होता है.
बहाने बनाना, दूसरों को दोष देना या मुश्किल से भागना, मानसिक ताकत वाले लोगों की फितरत नहीं.
मानसिक ताकत वाले लोग बदलाव से लड़ने के बदले अपने को ढालने में ऊर्जा लगाते हैं,
डर से बचने के बदले डर का मुकाबला, उस पर विजय के लिए जरूरी होता है.
गलतियों को छुपाने के बदले उनसे सीखना मानसिक ताकत का लक्षण है.
प्रतिस्पर्धा नहीं सहयोग करना और दूसरों की कामयाबी पर खुश होना.
अपने कौशल का बेवजह प्रदर्शन करने के बदले उन्हें तराशने पर समय लगाना.
अपने फैसलों पर पछताने के बदले अपने मूल्यों के हिसाब से फैसला लेना और उन पर संतोष करना.
जिंदगी की मुश्किलों को भविष्य के लिए संभावना के रूप में देखना.
अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल समस्याओं का समाधान करने में करना.
अपने आसपास के लोगों से लगातार नया सीखते रहना.
गलतियां करते रहने के बदले लगातार गलतियों को सुधारने पर काम करना.