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कोलोन में छेड़छाड़ करने वाले कौन थे

समरा फातिमा६ जनवरी २०१६

कोलोन में नए साल पर करीब 100 महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटना के बाद लोग सकते में हैं. ऐसी घटना पहले कभी नहीं हुई. चर्चा का तरीका चर्चा की दिशा और परिणाम को प्रेरित करता है. पूर्वाग्रह के बदले जांच का इंतजार जरूरी है.

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तस्वीर: Reuters/W. Rattay

कोलोन में हुई घटनाओं के बाद खबर आई कि महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने वाले विदेशी मूल के थे. और फिर कई जगह उनके शरणार्थी होने की बात भी धड़ल्ले से की जाने लगी. दक्षिणपंथी समूहों ने जर्मनी में आ रहे आप्रवासियों के आगमन पर रोक लगाने की मांग की. लेकिन जब मैंने ये खबरें सुनीं तो पहला सवाल यह था कि 31 दिसंबर की रात जिस व्यक्ति ने मेरे साथ ऐसी हरकत की वह कौन था?

कोलोन और बॉन ट्विन शहर कहलाते हैं, एक दूसरे के करीबी पड़ोसी. उस रात बॉन में जब मैं नदी किनारे आतिशबाजी देखने पहुंची तो माहौल पिछले कुछ सालों के मुकाबले थोड़ा ज्यादा खुला, निरंकुश और मौजी सा लगा. मेरे सामने खड़ा एक लड़का अपने साथियों के साथ बोतल में रॉकेट जला रहा था. अचानक मुझे और मेरे साथियों को देख शायद उसे शरारत सूझी कि उसने बोतल मेरी तरफ मोड़ दी. रॉकेट सीधे हमारी ओर बढ़ आया. अगर सही समय पर ना भागते तो जल जाते. वह नशे में था. जर्मनी में आमतौर पर खास त्योहारों और कार्निवाल जैसे मौकों पर थोड़ा ज्यादा पी लेना बुरा नहीं समझा जाता.

हालांकि माहौल में बदलाव पिछले एक हफ्ते में दो बार और महसूस हुआ जब मेरे बराबर से गुजरते हुए लड़कों ने गाने गाए और सीटी बजाकर इशारे किए. ऐसा पिछले तीन साल में जर्मनी की सड़कों पर मेरे साथ पहले कभी नहीं हुआ था. लेकिन बदलाव की जिम्मेदारी सीधे शरणार्थियों पर डाल देना या उनके जर्मनी आने पर नाराज होना हल नहीं है.

यह सही है कि इतने बड़े स्तर पर जर्मनी में हाल में हुई कोलोन जैसी घटना आम नहीं और चिंता का विषय है. पुलिस ने कहा है कि घटना सुनियोजित ढंग से अंजाम दी गई लगती है. पुलिस मामले को गंभीरता से ले रही है और कायदे से जांच कर रही है और उसने लोगों से उस शाम की वीडियो फिल्में और मोबाइल पर ली गई तस्वीरें देने को कहा है.

अपराध के लिए सीधे शरणार्थियों को जिम्मेदार ठहराने से पहले गौर करने वाली बात यह भी है कि जो व्यक्ति अपनी जान बचाकर देश से भागा हो, जिसकी जिंदगी की सांसें पराए देश की रोटी, कपड़े और रोजगार पर टिकी हों, उसका खुद अपने आप को इस तरह आपराधिक दायरे में लाना अजीब लगता है.