कोलकाता की जुडिथ की वापसी का इंतजार
१० जून २०१६लेकिन अब तक वह फोन नहीं आया है जिसका उनको आज तड़के से ही बेहद बेसब्री से इंतजार है. यह मकान है जुडिथ डिसूजा का. जुडिथ का कल आधी रात के बाद अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अपहरण हो गया. घरवालों का सवाल है कि आखिर जुडिथ ने किसी का क्या बिगाड़ा था? वह तो वहां स्थानीय लोगों के हित में काम कर रही थी. तो फिर उसका अपहरण किसने और क्यों किया ?
इससे पहले कोलकाता की ही एक युवती की तालिबानियों ने अफगानिस्तान में हत्या कर दी थी. उसका कसूर यह था कि उसने अफगान युवक से शादी की थी और वहीं बस गई थी. उसकी कहानी काबुलीवालर बांगाली बऊ (काबुली वाले की बंगाली पत्नी) पर फिल्म भी बन चुकी है. अब जुडिथ के अपहरण से उसके घरवालों के जेहन में उस घटना की यादें ताजा हो गई हैं.
गैर-सरकारी संगठन आगा खान फाउंडेशन की ओर से अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में काम कर रही कोलकाता की जुडिथ डिसूजा (40) रविवार को ही सालाना छुट्टियां बिताने यहां अपने घर लौटने वाली थी. लेकिन उसके दो दिन पहले ही आधी रात के बाद काबुल स्थित भारतीय दूतावास से आए फोन ने पूरे परिवार की नींद उड़ा दी. उस फोन पर दूसरी ओर से बताया गया कि जुडिथ, उनके ड्राइवर व सुरक्षा गार्ड का अपहरण हो गया है.
परिवार ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से जुडिथ की सुरक्षित रिहाई की गुहार लगाई है. स्वराज ने फोन पर बातचीत में घरवालों को हरसंभव सहायता का भरोसा भी दिया है.
जुडिथ की बहन एग्नस कहती है, "यह घटना दूसरे देश में हुई है. वहां की सरकार को भी जुडिथ की शीघ्र रिहाई की दिशा में कदम उठाना चाहिए." एग्नस बताती है कि जुडिथ को काबुल बेहद पसंद था. इसकी वजह यह थी कि वहां उसके लिए काफी काम था. वह साल भर से वहां महिला व बाल कल्याण से संबंधित मुद्दों पर काम कर रही थी. अभी ढाई महीने पहले ही वह कोलकाता आई थी.
जुडिथ के पिता डेंजल डिसूजा बताते हैं कि जुडिथ ने कभी वहां किसी खतरे का संकेत तक नहीं किया था. दो दिन पहले भी घरवालों से उसने काफी देर तक बातचीत की थी. डेंजल कहते हैं, "पूरा परिवार बेहद चिंतित व तनावग्रस्त है. हम चाहते हैं कि जुडिथ किसी भी तरह शीघ्र सुरक्षित यहां लौट आए."