कॉमनवेल्थ में हुई गड़बड़ी की जांच होगीः गिलानी
४ अक्टूबर २०१०इस घटना से नाराज होकर पाकिस्तान की वेटलिफ्टिंग टीम ने खेलों से अलग होने की धमकी तक दे डाली. दिल्ली कॉमनवेल्थ खेलों में पाकिस्तानी दल का नेतृत्व सिंध प्रांत के खेल मंत्री मोहम्मद अली शाह कर रहे हैं. लेकिन तय कार्यक्रम के मुताबिक उद्घाटन समारोह में खिलाड़ियों का नेतृत्व पाकिस्तानी भारोत्तोलक शुजाउद्दीन मलिक को करना था. ऐन वक्त पर शाह ने मलिक से झंडा छीना और सबसे आगे चलने लगे.
प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, "गिलानी ने इस अप्रिय घटना को गंभीरता से लिया है. उन्होंने संघीय खेल मंत्री से इसकी जांच करने को कहा है और तुरंत इस बारे में रिपोर्ट मांगी है." बयान के मुताबिक दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.
वेटलिफ्टिंग टीम के कोच रशीद महमूद ने कहा कि कई खिलाड़ी सिर्फ देश की इज्जत की खातिर उद्घाटन समारोह में गए. वह कहते हैं, ''अब मेरे खिलाड़ी तब तक किसी खेल में हिस्सा नहीं लेंगे, जब तक शाह दल से माफी नहीं मांगते.'' महमूद इस घटना को शर्मनाक बता रहे हैं क्योंकि राष्ट्रीय ध्वज थामना मलिक का अधिकार था. खेलों से पहले तय हुआ था कि मलिक ही उद्घाटन समारोह में देश के झंडे को लेकर आगे चलेंगे.
जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में मौजूद 60 हजार दर्शकों के अलावा दुनिया भर के करोड़ों लोगों ने टीवी पर देखा कि कैसे शाह ने मलिक से झंडा छीना. पाकिस्तानी ओलंपिक संघ के उपाध्यक्ष अकील शाह कहते हैं कि उन्हें शाह को झंडा पकड़े देखते हुए बहुत धक्का लगा. राष्ट्रीय ध्वज को थामना हमेशा खिलाड़ियों का विशेषाधिकार होता है. वह इसे दुनिया भर में पाकिस्तानियों को शर्मिंदा करने वाली घटना मानते हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह