कॉमनवेल्थ खेलः मशाल जलने ही वाली है
३ अक्टूबर २०१०संगीतकार ए आर रहमान ने कॉमनवेल्थ खेलों के लिए बने गीत की सफलता के लिए अजमेर की दरगाह पर दुआ मांगी है. रहमान चाहते हैं कि खेलों का शुभारंभ शानदार हो और उनका गीत हर किसी की जुबान पर चढ़ जाए. कोशिश तो आयोजन समिति की भी ऐसी ही है लेकिन बार बार कोई नई मुसीबत खड़ी हो जा रही है. अब कनाडा और न्यूजीलैंड के अधिकारियों ने उद्घाटन समारोह में शामिल होने से पहले खेलगांव से आने जाने के बेहतर इंतजामों की मांग रख दी है. हालांकि आयोजन समिति के अधिकारी कह रहे हैं कि ये कोई बड़ा मसला नहीं है इसे जल्द ही हल कर दिया जाएगा. आयोजन समिति के सामने मुश्किलें और भी हैं.
एक बडी मुश्किल है उद्घाटन समारोह की लंबाई. कई देशों के खिलाड़ी मार्च पास्ट में तो हिस्सा लेना चाहते हैं लेकिन उसके बाद होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में नहीं. ठंडे देशों से आए खिलाड़ियों को यहां की गर्मी में ज्यादा देर तक बाहर रहने का डर सता रहा है. कनाडा के अधिकारी चाहते हैं कि उद्घाटन समारोह में खिलाड़ियों के लिए खास इंतजाम हो जिससे कि वह गर्मी से बच सकें.
आयोजन समिति के प्रवक्ता ललित भनोत अब भी कह रहे हैं कि सभी देशों के खिलाड़ी उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेंगे. भनोत ने कहा," वो चाहत हैं मार्च पास्ट शुरू होने से पहले खिलाड़ियों के खड़े होने की जगह ढंकी हुई हो हम इसके लिए तैयार हैं. हमने इसके लिए तैयारी भी कर ली है."
मुश्किलें पैदा करने वाले देश भी बढ़िया इंतजामों की तो बात कर रहे हैं लेकिन उनकी चिंताएं दूर होने का नाम नहीं ले रही. साफ सफाई से बात खत्म होती है तो सुरक्षा पर आ जाती है वहां से आगे बढ़ें तो उन्हें दूसरा कोई डर सताने लगता है. बहरहाल एक एक कर उनकी चिंता दूर हो रही है और होठों पर तारीफों के शब्द आ रहे हैं.
कनाडा के वेटलिफ्टिंग कोच खेलगांव में ट्रेनिंग एरिया को देख कर खासे प्रभावित हैं. उनका कहना है," पहली बार मैंने किसी खेलगांव में ट्रेनिंग एरिया देखा है ये शानदार है हमें अब ट्रेनिंग के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं."
तो अब आखिरी वक्त की तैयारियों की बात छोड़ दें तो आगाज से पहले की सारी मुश्किलें दूर कर ली गई है. महारानी की नुमाइंदगी के लिए प्रिंस चार्ल्स एक दिन पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं. कलाकारों, खिलाड़ियों ने कमर कस ली है और मीडिया के कैमरे भी मुस्तैद हैं कॉमनवेल्थ की मशाल बस जलने ही वाली है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः आभा एम