कैसे शुरू हुए बीयर गार्डन
जर्मनों के लिए गर्मी का एक मतलब ठंडी बीयर के साथ गार्डन में बैठना भी होता है. अगर आप जर्मनी का दौरा कर रहे हैं, तो एक बार इन बीयर गार्डनों पर नजर डालना जरूरी है.
बीयर गार्डन का जन्म
कई दूसरी जर्मन चीजों की तरह बीयर गार्डन की शुरुआत भी बवेरिया प्रांत में हुई. 19वीं सदी में बीयर बना कर उन्हें तहखाने में रखा जाता था. गर्मियों में बीयर बनाने वाले आम तौर पर अपनी मेजें बाहर घास पर निकाल दिया करते थे. वहीं से इसकी शुरुआत हुई.
पहला बीयर गार्डन
साल 1812 में बवेरिया के किंग माक्सीमिलियान प्रथम ने आदेश दिया कि म्यूनिख में पहली बार बीयर गार्डन बनाया जा सकता है. ऑगुस्टीनरकेलर के पास 100 से ज्यादा पेड़ों के आस पास गार्डन तैयार किया गया. यहां लकड़ी के पीपों से बीयर पिलाई जाती थी. जब भी नया पीपा खुलता, घंटी बजा कर उसका जश्न मनाया जाता.
म्यूनिख का विशाल गार्डन
जर्मनी में सबसे ज्यादा बीयर गार्डन म्यूनिख में हैं, करीब 100. यहां का सबसे बड़ा गार्डन हिर्षगार्टेन है, जहां 8000 लोग बैठ सकते हैं. पारंपरिक तौर पर लोग अपना खाना खुद लाते थे और सिर्फ बीयर ऑर्डर करते थे. लेकिन जिन्हें ज्यादा भूख लगती है, उनके लिए दूसरे इंतजाम भी कर दिए गए हैं.
चीनी मीनार
बवेरिया के एक लोकप्रिय बीयर गार्डन में चीनी टच भी है. यहां लगभग 7000 लोग बैठ सकते हैं. बीयर के ग्लास काफी बड़े होते हैं, करीब एक लीटर के. लोग उत्साह और मस्ती में बैठ कर बीयर की चुस्कियां लिया करते हैं.
बीयर गार्डन क्रांति
बवेरिया प्रांत के लोग अपने बीयर गार्डन को बहुत गंभीरता से लेते हैं. साल 1995 में एक इलाके के लोगों ने मांग की कि बीयर गार्डनों को जल्दी बंद किया जाना चाहिए. इसका असर भी हुआ और कानून बदला गया. अब सिर्फ रात 11 बजे तक ही ये खुले होते हैं.
पवित्र पर्वत से
म्यूनिख की सैर करने वाले लोग लोकप्रिय मोनास्टिक बीयर भी चखना चाहते हैं. कहा जाता है कि इसमें इस्तेमाल पानी पवित्र पर्वतों की ऊंचाइयों से आता है. आंदेष्स आबे मठ के कुछ भिक्षु आज भी बीयर बनाते हैं. ये जर्मनी के पांच अलग अलग ब्रूअरियां चलाते हैं.
खास बीयर गार्डन
वेल्टेनबर्ग एबे में एक बीयर गार्डन है, जहां पाइपलाइनों से बीयर की सप्लाई होती है. यहां एक ईसाई मठ के आंगन में बीयर गार्डन मौजूद है. कहा जाता है कि इस जगह पर 1050 से ही बीयर तैयार की जाती है.
बवेरिया के बाहर
भले ही इसकी शुरुआत जर्मनी के दक्षिणी राज्य से हुई हो लेकिन अब दूसरे राज्यों में भी बीयर गार्डन की परंपरा चल निकली है. कोलोन शहर की बीयर को कोल्ष कहते हैं. 1891 से यह हेलेर्स फोल्कगार्टेन में परोसी जा रही है. यह कोलोन के लोगों के लिए मुलाकात की बहुत अच्छी जगह थी.
गार्डन के साथ थियेटर
साल 1837 में जर्मन राजधानी बर्लिन में आधुनिक बीयर गार्डन की शुरुआत हुई, जिसमें गार्डन को शहरी लुक दिया गया. यहां 600 लोग बैठ सकते हैं और बीयर के साथ थियेटर का भी मजा ले सकते हैं.