कैसे और कहां देखना चाहिए सूर्य ग्रहण
इंडोनेशिया और भारत समेत हिन्द महासागर और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में 2016 का एकलौता सूर्य ग्रहण 9 मार्च को देखा जा सकेगा. इंडोनेशिया में पूरा तो भारत के कुछ हिस्सों में केवल आंशिक ग्रहण दिखेगा.
भारत में कहां
दक्षिण भारतीय शहर हैदराबाद में सूर्य ग्रहण करीब 7 घंटे और 27 मिनट तक चलेगा. प्लैनेटरी असोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार यह सुबह साढ़े छह बजे से शुरु होगा.
पूर्ण ग्रहण है खास
हर साल दो बार सूर्य और धरती के बीच चंद्रमा आ जाती है और इसी कारण धरती पर सूर्य ग्रहण दिखता है. ज्यादातर ग्रहण आंशिक होते हैं जिन्हें सामान्य खगोलीय घटना माना जाता है. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में भी ग्रहण दिखेगा.
आंखों का ख्याल
कभी भी ग्रहण को देखते समय सीधे उस ओर नहीं देखना चाहिए. धूप का चश्मा लगाकर देखने से भी फायदा नहीं होगा. इसके लिए खास पिनहोल प्रोजेक्टर या बाइनोकुलर का इस्तेमाल करना चाहिए. सीधे देखने से आंखों की रेटीना को नुकसान पहुंचने से अंधापन तक हो सकता है.
सीधे नहीं
कभी भी ग्रहण को देखते समय सीधे उस ओर नहीं देखना चाहिए. धूप का चश्मा लगाकर देखने से भी फायदा नहीं होगा. इसके लिए खास पिनहोल प्रोजेक्टर या बाइनोकुलर का इस्तेमाल करना चाहिए. सीधे देखने से आंखों की रेटीना को नुकसान पहुंचने से अंधापन तक हो सकता है.
पिन-होल
सुरक्षित तरीके से देखने के लिए आप पिन-होल प्रोजेक्टर को घर पर ही बना सकते हैं. इसके लिए गत्ते के डिब्बे और एलुमिनियन की पन्नी की जरूरत होगी. इसकी मदद से आप जितनी देर तक चाहे ग्रहण की छवि को देख सकते हैं.
चमकदार छल्ला
जब कभी चंद्रमा धरती के बहुत पास होता है तब पूर्ण सूर्य ग्रहण होता है. इसमें सूर्य पूरी तरह ढक जाता है और वो केवल एक छल्ले सा दिखता है जिसे कोरोना कहते हैं. पिछला पूर्ण सूर्य ग्रहण मार्च 2015 में हुआ था जो कि उत्तरी ध्रुव के पास नॉर्वे से दिखा था.
इंडोनेशिया में
मार्च में इस बार सबसे अच्छा ग्रहण इंडोनेशिया से कुछ हिस्सों में दिख सकता है. हिन्द महासागर और प्रशांत महासागर में स्थित बाकी के कई देशों में आंशिक ग्रहण दिखाई देगा. अगला पूर्ण सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर 2019 को ही दिखेगा.