कैमरे की नजर से उत्तर कोरिया
जर्मनी की छाया पत्रकार यूलिया लेब ने उत्तर कोरिया की यात्रा की, उन्होंने दुनिया से अलग थलग पड़े इस देश की तस्वीरें निकालीं. तस्वीरों के जरिए जो नतीजे सामने आए, वह अब एक किताब में छपे हैं.
'प्योंगयांग के फूल'
यूलिया लेब ने उत्तर कोरिया में रोजमर्रा की जिंदगी की तस्वीरें निकाली या फिर उन चुनिंदा जगहों की जहां पर्यटकों को जाने की इजाजत है. उन्होंने इन तस्वीरें के पीछे की कहानी बयां की. प्योंगयांग एक ऐसा शहर है जहां ट्रैफिक लाइट्स नहीं है. वहां महिला पुलिसकर्मी दिनभर हाथ में डंडा लिए ड्यूटी देती हैं, आमतौर पर कोई यातायात नहीं होता है. वह कहती हैं, "वे खूबसूरत हैं, लेकिन उनका काम एक राज की तरह है."
कैमरे की नजर से
कब तक एक देश अलग थलग टाइम कैप्सूल में रह सकता है, एक समानांतर ब्रह्मांड में? यह तस्वीरें उस समाज की झलक पेश करती हैं जिसकी कल्पना हम नहीं कर सकते हैं. लेब कहती हैं, "यह हमारे और उत्तर कोरियाई लोगों के बीच एक तरह का संवाद है." लेब की तस्वीरें एक किताब के तौर पर छापी गई हैं.
बंद मुट्ठी लाख की, खुल गई तो खाक की
उत्तर कोरिया के समाज में एक व्यक्ति बहुत कम मायने रखता है. लेब कहती हैं, "यहां व्यक्ति का अस्तित्व सामूहिक तौर पर ही संभव है." इन स्कूली छात्रों को खुद से पेंट की गई तख्तियां पकड़ने की ट्रेनिंग दी गई है. साथ मिल जाने से ये तख्तियां विशाल छवि पेश करती हैं जो उत्तर कोरिया के मशहूर खेलों के दौरान पृष्ठभूमि में लगाए जाते हैं.
कोरिया के रोमियो और जुलियट
वार्षिक अरिरांग महोत्सव प्राचीन कोरियाई लोक गीत के नाम पर है. इस महोत्सव में सामूहिक खेल होते हैं, जिसमें कोरिया का इतिहास बताया जाता है. लेब बताती हैं, "करीब एक लाख लोग आडम्बर से भरे इस प्रचार में शामिल होते हैं. "दुखद लोकगीत अरिरांग जुदाई और खोए हुए प्यार के बारे में है और यह कोरिया के इतिहास का राष्ट्रीय प्रतीक है."
सुनसान शहर
लेब कहती हैं कि उनकी बहुत सारी तस्वीरे अकेलेपन की भावना से चित्रित हैं. सुनसान सड़कें और विशाल सार्वजनिक चौराहें जैसे प्योंगयांग का किम द्वतीय सुंग चौराहा. "यह दुनियाभर की कुछ बची हुई राजधानियों में एक है जो वैश्वीकरण से प्रभावित नहीं हुआ है. आप मुश्किल से यहां कार देख पाएंगे, कोई विज्ञापन नहीं है, और न ही यहां रेस्तरां चेन है."
स्मारकीय वास्तुकला
170 मीटर ऊंचा जूचे टॉवर देश की विचारधारा के नाम पर बनाया गया है. कोरियाई युद्ध में लगभग सभी उत्तर कोरियाई शहर तबाह हो गए थे. प्योंगयांग एक मॉडल शहर है, जहां समरूपता और विशाल वास्तुकला है. "सार्वजनिक स्थलों को इतना महत्व दिया जाना मेरे लिए पुरानी साइंस फिक्शन फिल्म में होने जैसा है."
शादी की तस्वीर
लेब बताती हैं, "यह तस्वीर केसॉन्ग में ली गई थी. कुछ पल बाद ही फोटोग्राफर पलटकर मुझसे बात करने लगा. यह उत्तर कोरिया में किसी विदेशी के लिए असामान्य स्थिति थी. मुझे लगता है कि मेरे कैमरे ने उसे मेरे नजदीक आने के लिए प्रोत्साहित किया."
एक मेज, दो देश
पनमुनजोम में दक्षिण कोरियाई फ्रीडम हाउस दुनिया की सबसे सुरक्षित सीमाओं में से एक है. "नीली बैरक आधी दक्षिण कोरिया में है और आधी उत्तर कोरिया में. प्रत्येक बैरक के अंदर एक दरवाजा है जो दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के लिए खुलता है. बीच में एक मेज है जिस पर दूसरी पार्टी बिना अपने देश की सीमा से निकले इस पर बैठ कर बात कर सकती है."
अभेद्य सीमा
"ज्यादातर समय, मेजर ह्वांग पहाड़ी सीमा क्षेत्र में चौकसी करते हैं. वह मेहमानों को देख प्रसन्न थे और दुनिया की सबसे खतरनाक सीमा में आने के लिए उन्होंने हमारे साहस को बधाई दी." क्योंकि कोरियाई संकट शांति संधि के बजाय युद्धविराम पर समाप्त हुआ था. 60 साल से अधिक पार हो जाने के बाद भी दोनों कोरियाई देश तकनीकी रूप से युद्धग्रस्त हैं.
विशाल स्मारक, छोटा इंसान
कोरियाई श्रमिक पार्टी का स्मारक बहुत प्रतीकात्मक है. हथौड़ी और हंसिया कृषि वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं जबिक कूची बौद्धिक वर्ग को दर्शाती है. पत्थर का चक्र नेता, जनता और पार्टी की एकता का संकेत देता है. पीछे अपार्टमेंट ब्लॉक क्रांतिकारी झंडे का प्रतीक है. स्मारक बहुत बड़ा है जिसके आगे लोग बिलकुल छोटे दिखते हैं.