शांति वार्ता का माहौल बनाएं इस्राएल-फलीस्तीन
२२ अक्टूबर २०१५नेतन्याहू से मिलने बर्लिन पहुंचने वाले अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने पत्रकारों से बातचीत में नेतन्याहू के हालिया विवादित बयान का जिक्र नहीं किया. पिछले हफ्ते नेतन्याहू ने फलीस्तीन के मुफ्ती हज अमीन अल-हुसैनी पर 1940 के दशक में जर्मनी के तानाशाह अडोल्फ हिटलर को यहूदियों को प्रताड़ित करने के लिए राजी करवाने की बात कही थी.
इस्राएल ने नेतन्याहू पर ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया. वहीं जर्मन राजधानी बर्लिन पहुंचे इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने हाल में बढ़ी हिंसक वारदातों का दोष फलीस्तीन पर मढ़ा. बीते कुछ हफ्तों में इस्राएल और फलीस्तीन के बीच कई हिंसक वारदातें हुई हैं. केवल अक्टूबर में ही अब तक नौ इस्राएलियों और 48 फलीस्तीनियों के मारे जाने की खबरें हैं.
केरी ने कहा, "यह अत्यंत आवश्यक है कि हर तरह का भड़काव रोका जाए, हिंसा रोकी जाए और ऐसी संभावना की ओर बढ़ा जाए जो आज नहीं है." केरी ने कहा कि वे इस्राएल और फलीस्तीन दोनों पक्षों से "एक दूसरे की निंदा और बयानबाजी से आगे बढ़ कर कुछ कदम साथ उठाने पर सहमति बनाने" की उम्मीद करते हैं.
विशेषज्ञों को इस्राएल और फलीस्तीन के बीच 2014 में बंद हो चुकी व्यापक शांति वार्ता के फिर से शुरु होने की कम ही आशा है. नेतन्याहू ने हाल की हिंसा के लिए हमास, इस्लामिक आंदोलनों और फलीस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास को जिम्मेदार ठहराया. इसके बाद केरी जर्मन विदेश मंत्री फ्रांक वाल्टर श्टाइनमायर और ईयू विदेश नीति प्रमुख फेडेरिका मोघेरिनी से मिले.
केरी चार दिनों की यूरोप और मध्य पूर्व की यात्रा पर फलीस्तीनी राष्ट्रपति अब्बास और जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला से भी मिलेंगे.
ऋतिका राय (रॉयटर्स)