कृष्णा और कुरैशी मिलेंगे 15 जुलाई को
११ मई २०१०दोनों विदेश मंत्रियों ने टेलीफोन पर एक दूसरे से बातचीत की, जिसके बाद मुलाकात की तारीख तय हुई. भारत के विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने दिल्ली में कहा, "पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने मुझे 15 जुलाई को बातचीत के लिए इस्लामाबाद में निमंत्रण दिया है. मैं पाकिस्तान जाने की योजना बना रहा हूं और उम्मीद करता हूं कि यह बातचीत सकारात्मक होगी."
कृष्णा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस बातचीत से दोनों देशों के बीच विश्वास बढ़ाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, "हमें आशा करनी चाहिए कि इन प्रयासों के अच्छे नतीजे निकलेंगे." भारत के मुंबई शहर में नवंबर, 2008 को हुए जबरदस्त आतंकवादी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बेहद खराब हो गए थे. लेकिन दोनों देश धीरे धीरे फिर से बातचीत की पटरी पर लौट रहे हैं.
पिछले महीने भूटान में सार्क सम्मेलन के दौरान भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों की मुलाकात हुई थी और उसी दौरान यह तय हुआ था कि दोनों देशों के विदेश मंत्री मिलेंगे.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारतीय विदेश मंत्री से बातचीत को बेहद अच्छा बताया और कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि दोनों मंत्री मिल रहे हैं. कुरैशी ने कहा कि दोनों मंत्रियों ने 15 जुलाई को मिलना तय किया है.
कुरैशी ने कहा, "हम दोनों इस बात को मानते हैं कि हम पर बातचीत को आगे बढ़ाने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है. हम पर भरोसा बढ़ाने का उत्तरदायित्व है, जिससे वार्ता आगे बढ़ सके. हम जानते हैं कि सब कुछ एकदम से ठीक नहीं हो सकता और यह करना इतना आसान नहीं होगा."
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने बताया कि उनकी मुलाकात से पहले भारत और पाकिस्तान के गृह मंत्री भी मिलेंगे लेकिन ये बातचीत अनौपचारिक होगी. भारतीय गृह मंत्री पी चिदंबरम को अगले महीने 26 जून को एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पाकिस्तान जाना है. कुरैशी के मुताबिक कृष्णा के दौरे के बाद वह खुद भी भारत जाएंगे.
मुंबई हमलों के बाद भारत ने आरोप लगाया था कि इसकी साजिश पाकिस्तान में रची गई. इस हमले के एकमात्र जिन्दा पकड़े गए आरोपी अजमल आमिर कसाब के पाकिस्तानी नागरिक होने की बहुत पहले पुष्टि हो चुकी है. पिछले हफ्ते ही मुंबई की विशेष अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई है. इस हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान की बातचीत बंद बक्से में पड़ी है.
हालांकि बाद में दोनों देशों के प्रयासों से इस साल स्थिति थोड़ी बेहतर हुई है और फरवरी में दोनों देशों के विदेश सचिवों ने नई दिल्ली में भेंट की थी. समझा जाता है कि इसके बाद भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी की थिम्पु में हुई मुलाकात ने भी दोनों देशों के रिश्तों को आगे बढ़ाया.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः महेश झा