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कुवैत ने खाड़ी के देशों को आईना दिखाया

१५ जुलाई २०१६

कुवैत ने घरेलू कामकाज करने वालों के लिए न्यूनतम मजदूरी तय की. मानवाधिकारों के मामले में बदनाम खाड़ी के देशों में शामिल कुवैत ने अब कर्मचारियों को कई और अधिकार भी दिये हैं.

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Indonesien Arbeiter Vorbereitung für Saudi-Arabien
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Irham

कुवैत खाड़ी का पहला ऐसा देश बन गया है, जिसने घरेलू सहायकों के लिए न्यूनतम मजदूरी तय की है. देश के आंतरिक मंत्री शेख मोहम्मद खालेद अल-सबह ने एक अध्यादेश जारी कर इसे लागू किया है. कुवैत के अखबार अल-अनबा के मुताबिक अब घरेलू सहायकों को कम से कम 60 दिनार (200 डॉलर) मासिक की तनख्वाह देनी होगी. इसके अलावा घरों में काम करने वाले लाखों गरीब कर्मचारियों को कई और अधिकार भी दिये गये हैं.

बीते साल संसद में पास विधेयक के बाद जारी अध्यादेश के मुताबिक अब ज्यादा काम करने पर मालिक को कर्मचारियों को ओवरटाइम देना होगा. घरेलू सहायक को हफ्ते में एक दिन छुट्टी भी मिलेगी. एक दिन में ज्यादा से ज्यादा 12 घंटे ही काम कराया जाएगा. घरेलू सहायकों को साल में 30 दिन की पेड छुट्टी भी मिलेगी. इतना ही नहीं, कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने के लिए भी एक महीने पहले नोटिस देना होगा.

एक अनुमान के मुताबिक कुवैत में करीब 6,00,000 लोग घरेलू सहायक का काम करते हैं. इनमें भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और नेपाल के लोग भी बड़ी संख्या में हैं. खाड़ी में कुल 24 लाख विदेशी मूल के लोग काम करते हैं. मानवाधिकार संगठनों के मुताबिक खाड़ी के सभी देशों में कर्मचारियों का बुरी तरह शोषण होता है. मारपीट, पासपोर्ट जब्त करना, तनख्वाह न देना और यौन शोषण जैसे मामले भी अक्सर सामने आते रहते हैं.

कुवैत के नए कानून से खाड़ी में बदलाव की उम्मीद जगी है. मानवाधिकार संगठनों ने कुवैत के कदम का स्वागत करते हुए बाकी पड़ोसियों से भी इस दिशा में आगे बढ़ने की अपील की है.

ओएसजे/एमजे (एएफपी)