कुर्दों को मिलेंगे जर्मन हथियार
जर्मन सरकार ने फैसला किया है कि वह उत्तरी इराक में कुर्द लड़ाकों को कुल सात करोड़ यूरो के हथियार भेजेगी. लंबे समय तक यह बहस चल रही थी कि लड़ाकों को हथियार भेजे जाने चाहिए या नहीं.
इस्लामिक स्टेट
इराक के कई शहरों में इस्लामिक स्टेट के कट्टरपंथी कहर मचा रहे हैं. कई शहरों को उन्होंने अपने कब्जे में ले रखा है.
कई हथियार
बर्लिन इतने हथियार भेजेगा, जो चार हजार सैनिकों की टुकड़ी के लिए काफी हों. रक्षा मंत्री उर्सुला फॉन डेय लायेन और विदेश मंत्री फ्रांक वाल्टर श्टाइनमायर ने सोमवार को यह घोषणा की. उर्सुला फॉन डेय लायेन ने कहा कि हथियार भेजने के लिए संसद की मंजूरी जरूरी नहीं.
तीन किश्तों में
जर्मनी के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि उत्तरी इराक में उन इलाकों की सुरक्षा के लिए हथियार भेजे जाएंगे जो गृहयुद्ध से ग्रस्त नहीं हैं. दूसरी और तीसरी आपूर्ति हालात को देखते हुए की जाएगी.
पहली किश्त
हथियारों की पहली किश्त में चार हजार जी3 राइफलें (फोटो), 20 एमजी3 भारी मशीन गन, 20 एंटी टैंक हथियार, 300 गाइडेड रॉकेट, 100 मोर्टारों के साथ 1,250 रॉकेट, 20 भारी रॉकेट लॉन्चर और 500 रॉकेट, 5000 हथगोले, हथियारबद्ध वोल्फ जीपें, और सेना के युनिमोग ट्रक होंगे.
संभावित दूसरी किश्त
जर्मनी की रक्षा मंत्री ने कहा कि ट्रेनिंग के उद्देश्य से जर्मन सैनिकों की तैनाती के लिए संसदीय अनुमति की जरूरत नहीं. ब्रिटेन में बहस चल रही है कि ब्रिटिश मूल के आइएस लड़ाकों की नागरिकता रद्द कर दी जाए.
कुल हथियार
भेजे जाने वाले कुल हथियारों में 8000 जी3 राइफल, इतनी ही जी36 राइफलें, 40 एमजी3 भारी मशीन गनें, 8000 पिस्तौलें, 30 एंटी टैंक मिलान ट्रक सहित हथगोले और भारी रॉकेट लॉन्चर भी शामिल हैं.
हथियारों की ट्रेनिंग
जरूरत पड़ने पर हथियार चलाने की ट्रेनिंग जर्मनी में दी जाएगी. अगर यह संभव नहीं हुआ तो इराक के उत्तरी शहर इरबिल या फिर किसी तीसरे देश में ट्रेनिंग दी जा सकती है.
और भी हथियार
इराक में आईएस को रोकने के लिए फ्रांस ने भी हथियारों की मदद की पेशकश की है. पहले चिंता थी कि कुर्द ये हथियार तुर्की जैसे दूसरे देशों में भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जहां सरकार और कुर्द मूल के लोगों के बीच तनातनी है.