कुछ तो सोचो
दुनिया भर के जंगलों में बाघों की संख्या घट कर सिर्फ 3200 ही रह गई है. क्या कदम उठाए जा रहे हैं इन्हें बचाने के लिए. देखें तस्वीरों में...
कैद में
बाघों की बची खुची तादाद में से 500 के करीब चीन और दूसरे एशियाई देशों में कैद कर रखे जा रहे हैं. फरवरी में आई एक एजेंसी रिपोर्ट के अनुसार चीन में बाघों की हड्डियों से एक विशेष प्रकार की वाइन बनाई जाती है.
घटते जा रहे हैं बाघ
बाघों की संख्या लगातार घटती जा रही है. पिछली सदी में एक लाख से घट कर इस समय जंगलों में उनकी संख्या मात्र 3200 रह गई है. और अगर इसी रफ्तार से इनकी संख्या घटती रही तो अगले दस साल में ये पूरी तरह गायब हो चुके होंगे.
पौराणिक कथाओं में
कई संस्कृतियों और पौराणिक कथाओं में भी बाघ का अहम स्थान रहा है. इन खूबसूरत जानवरों को जंगल का रक्षक माना जाता रहा है. इसे अलावा चीनी राशियों में इन्हें बल और सौंदर्य का प्रतीक माना गया है.
विलुप्ति के कगार पर
बीसवीं सदी के प्रारंभ तक बाघों की नौ प्रजातियां मौजूद थीं. इनमें से कुछ पूरी तरह विलुप्त हो चुकी हैं और कुछ विलुप्ति की कगार पर हैं. रंग, रूप और साइज में ये सभी प्रजातियां एक दूसरे से अलग रही हैं.
घर नष्ट न करो
तुर्की से रूस, चीन, सर्बिया से इंडोनेशिया तक फैले हैं इनके प्राकृतिक आवास यानि जंगल. ये भी अब पहले जैसे नहीं रहे. 97 फीसदी जंगलों को इंसानी भूख की नजर लग गई.
लालच जान से बड़ा
बाघ के दांतों और खाल को घर में सजाने और रुतबा दिखाने का शौक एशियाई लोगों में हमेशा से रहा है. इतना ही नहीं इन्हें मार कर चीन और दूसरे एशियाई देशों में भेजा जाता है. जहां इसका इस्तेमाल पारंपरिक दवाइयों में होता है. वैसे तो 1987 से इनके अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर पाबंदी है लेकिन काला बाजारी भी जारी है.
चलो नाच के दिखाओ
सर्कस में बाघ का तमाशा 18वीं सदी से देखा जाता रहा है. पशु संरक्षक सर्कस में पशुओं को ट्रेनिंग देने के तरीके के खिलाफ आवाज उठाते आए हैं. इंग्लैंड सर्कस में पशुओं को बैन करने का विचार कर रहा है. माना जाता है अमेरिका में करीब 5000 बाघ मुनाफे के लिए पालतू बनाकर रखे गए हैं.
इंसान के साथ संघर्ष
अस्तित्व के लिए बाघ का इंसान के साथ संघर्ष जारी है. जंगल सिकुड़ते जा रहे हैं. कई बार जब मवेशी बाघों के शिकार बन जाते हैं तो बदले में इंसान इन्हें मार डालते हैं. इस तस्वीर में भारत के एक जंगल में मारे गए बाघ के मृत शरीर की जांच करते अधिकारी.
कुछ करना होगा
नवंबर 2010 में रूस में हुई टाइगर समिट में बाघों की संख्या 2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्य तय किया गया. 13 देशों ने बाघों का अवैध शिकार रोकने और जंगलों का विस्तार करने का फैसला लिया. इस तस्वीर में कस्टम अधिकारी मारे गए बाघों की खाल दिखाते हुए.
चिड़ियाघर या जंगल
कुछ चिड़ियाघर बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रजनन कार्यक्रम चला रहे हैं. वहीं कई संगठनों का मानना है कि बाघों को जंगलों में रखना और उनके प्राकृतिक घर के विस्तार पर खर्च करना संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल होगा.