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किर्गिस्तान: मृतकों की संख्या दो हज़ार

१८ जून २०१०

किर्गिस्तान में शुक्रवार को देश के दक्षिण में नस्ली हिंसा में मारे गए लोगों के लिए राष्ट्रीय शोक मनाया जा रहा है. अस्थाई राष्ट्रपति रोज़ा ओटुनबायेवा ने कहा है कि मृतकों की संख्या दो हज़ार हो सकती हैं.

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ज़ायज़ा लेती ओटुनबायेवातस्वीर: AP

स्थिति का जायज़ा लेने के लिए राष्ट्रपति ओटुनबायेवा दंगाग्रस्त क्षेत्र के दौरे पर गई हुई हैं. वहां रूसी दैनिक कोम्मरसांट को उन्होंने बताया कि हालांकि औपचारिक आंकड़ों में मृतकों की संख्या 192 बताई गई है, उनका मानना है कि वास्तविक संख्या दस गुनी है. उन्होंने कहा कि दूरदराज़ के देहाती इलाकों में बहुत से लोग मारे गए हैं, और वहां के रिवाज के अनुसार उन्हें सूरज डूबने से पहले दफ़नाया गया है, यानी मृतकों के आंकड़ों में उन्हें दर्ज नहीं किया गया है. ओश नगर के केंद्र में नागरिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वे घटनास्थल में लोगों से बात करते हुए हालत को समझने की कोशिश कर रही हैं. इस शहर को फिर से बसाने के लिए सारे क़दम उठाए जाएंगे.

विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से शुक्रवार को जारी किए गए एक वक्तव्य में कहा गया है कि संगठन बदतरीन आशंका के लिए तैयार है. हो सकता है कि 3 लाख शरणार्थियों सहित कुल मिलाकर दस लाख लोग इस संकट से ग्रस्त हों.

दक्षिण व मध्य एशिया के लिए अमेरिकी उप विदेश मंत्री रॉबर्ट ब्लेक भी इस क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि इस हिंसा की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा है कि जांच ज़रूरी है, लेकिन उज़्बेकिस्तान में उज़्बेक मूल के शरणार्थियों की भारी संख्या को देखते हुए कि किर्गिज़ पक्ष के साथ-साथ एक स्वतंत्र संस्था की ओर से भी जांच की जाए.

शुक्रवार को हिंसा की किसी नई घटना की ख़बर नहीं मिली है. लेकिन अस्थाई सरकार ने संकेत दिया है कि देश के उत्तर में भी तनाव के कारण हिंसा भड़क सकती है. 27 जून को देश में नए संविधान पर जनमत संग्रह होने वाला था. दंगों के बाद दक्षिणी हिस्से से अपीलें की गई हैं, कि इसे 40 दिनों के लिए टाला जाए.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: आभा मोंढे