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बच्चों को बचाए इंग्लैंड

२० जून २०१४

संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि अफ्रीका से कई बच्चों का अपहरण कर उन्हें इंग्लैंड लाया जा रहा है ताकि उन पर काला जादू किया जा सके. सरकार से इसे रोकने की मांग की गयी है.

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तस्वीर: Fotolia/fergregory

बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी सीआरसी के अनुसार अफ्रीका से सैकड़ों बच्चों को इंग्लैंड लाया गया है ताकि उन पर वूडू जादू किया जा सके. यह धार्मिक अंधविश्वास से जुड़ा है. सीआरसी की अध्यक्ष क्रिस्टन जांडबेर्ग ने इस बारे में बताया, "हम इन रिपोर्टों को ले कर चिंतित हैं जो बताती हैं कि अफ्रीका के सैकड़ों परिवारों से बच्चों का अपहरण कर उन्हें इंग्लैंड भेजा गया है, खास कर लंदन और वह भी धार्मिक विधियों के चलते." नॉर्वे की उच्चतम न्यायालय की जज रह चुकी क्रिस्टन जांडबेर्ग ने चिंता जाहिर करते हुए कहा, "इन सब बच्चों को वूडू जादू के लिए इस्तेमाल किया जाता है. उन्हें प्रताड़ित किया जाता है, उनके साथ बलात्कार किया जाता है."

चुड़ैल का साया

ब्रिटेन में पिछले एक दशक में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां काले जादू के कारण बच्चों का शोषण किया गया है. स्थानीय पुलिस इस तरह के मामलों से अनजान नहीं है. साल 2000 में एक आठ साल की बच्ची की मौत ने लोगों का ध्यान इस ओर खींचा. बच्ची आइवरी कोस्ट से नाता रखती थी. उसके रिश्तेदारों का मानना था कि उस पर चुड़ैल का साया है, इसलिए उन्होंने उसका कत्ल कर दिया. मामला सामने आने पर अदालत ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

एक साल बाद पुलिस को लंदन की थेम्स नदी में नाइजीरिया के एक किशोर की लाश मिली. जांच करने पर पता चला कि उस पर भी काला जादू करने की कोशिश की गयी थी. इसी तरह 2010 में पंद्रह साल की एक बच्ची की जान ली गयी. हत्या करने वाली उसकी अपनी बहन और उसका पार्टनर थे. यह परिवार कांगो का था और बहन को लगता था कि बच्ची काले साए के वश में है. इस मामले में भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी.

पीडोफाइल पर नजर

इन सजाओं के बावजूद मामले थमते नहीं दिख रहे. जांडबेर्ग का कहना है कि यह समस्या इतनी फैली हुई है कि सरकार को जिम्मेदारी लेनी होगी और कड़े कानून बनाने होंगे. सीआरसी की कमिटी ने हाल ही में ब्रिटेन को अपनी रिपोर्ट पेश की है और जल्द से जल्द कदम उठाने को कहा है.

साथ ही पीडोफाइल लोगों पर भी नजर रखने को कहा गया है. जांडबेर्ग ने कहा, "इस तरह की कई रिपोर्टें हैं जो बताती हैं कि ब्रिटेन के नागरिक चैरिटी या अन्य किसी बहाने से विदेश जाते हैं और वहां बच्चों का शोषण करते हैं." उन्होंने बताया कि थाईलैंड और कंबोडिया इन लोगों की पसंदीदा जगहों में से हैं. कमिटी ने इस तरह के लोगों की विदेश यात्राओं पर रोक लगाने की मांग की है.

ब्रिटेन ने आश्वासन दिया है कि इस दिशा में काम किया जा रहा है और नेशनल क्राइम एजेंसी देश और विदेश में पुलिस के साथ मिल कर बालशोषण करने वालों पर नजर रख रही है. साथ ही इंटरनेट के उनके इस्तेमाल पर भी ध्यान दिया जा रहा है.

आईबी/एमजे (एएफपी)

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