कहां खो गए दिलचस्प जानवर
दुनिया के किसी और हिस्से के मुकाबले ऑस्ट्रेलिया में स्तनधारी जानवर तेजी से विलुप्त हो रहे हैं. लेकिन ऐसा शिकार या इंसानी बस्तियों के विस्तार के कारण नहीं हो रहा है.
ऑस्ट्रिलेया खास तरह के छोटे कंगारुओं के लिए भी जाना जाता रहा है. लेकिन 1788 से अब तक इनकी चार प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं.
नेशनल अकैडमी ऑफ साइंस ने विलुप्त हो चुके जीवों की लिस्ट निकाली है. 29 ऑस्ट्रेलियाई स्तनधारियों में 35 फीसदी वे हैं जो दुनिया से हाल में विलुप्त हुए हैं.
लिस्ट में ताजा ये हैं. ये कृंतक 2006 से 2014 के बीच विलुप्त हो गए.
चमगादड़ खुशकिस्मत रहे. पिछले 20 सालों में इनकी प्रजातियों में बहुत कम विलुप्ति देखी गई है. हालांकि ऐसा नहीं है कि ये विलुप्ति से पूरी तरह बचे हुए हैं.
ऑस्ट्रेलिया में जमीन पर पहने वाले 273 स्तनधारियों में से 21 फीसदी पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है. वैज्ञानिकों के मुताबिक हर दशक में एक से दो प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं. हैरानी की बात यह है कि जिन इलाकों में ज्यादा विलुप्ति हो रही है वहां मनुष्य बहुत कम हैं.
दूध और अंडे देने वाली एकिडना की यह प्रजाति ऑस्ट्रेलिया से तो विलुप्त हो गई है लेकिन अभी तक दुनिया से इसका अस्तित्व पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. ये गिनी में पाए जाते हैं, लेकिन वहां भी इन पर विलुप्ति का भारी खतरा है.
उत्तरी अमेरिका का जमीन पर रहने वाला स्तनधारी सी मिंक भी इस दौरान विलुप्त हो चुका है. उसके लाल रंग के फर और ब्रुश जैसी पू्छ के लिए बहुत ज्यादा शिकार हुआ. हालांकि अमेरिकी मिंक (तस्वीर में) ने अब तक अपने अस्तित्व को कुछ हद तक बचा कर रखा है.
जानवरों की प्रजातियों की विलुप्ति के लिए शिकार और मानव बस्तियों के विस्तार को जिम्मेदार ठहराया जाता है. खासकर जहां इंसानी आबादी बढ़ रही है.
ऑस्ट्रेलिया में प्रजातियों की विलुप्ति के लिए इन कारणों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है क्योंकि वहां ज्यादातर जंगलों के अंदरूनी इलाकों से इन जानवरों की विलुप्ति हुई है. ये इलाके मनुष्य से दूर हैं. वैज्ञानिक मानते हैं इनकी विलुप्ति का कारण शिकारी जानवर हो सकते हैं, जैसे यूरोपीय रेड फॉक्स.