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कसाब का फैसला सोमवार को

२ मई २०१०

मुंबई हमलों के आरोपी अजमल कसाब के मामले में आज विशेष अदालत फैसला सुनाएगी. आतंकी हमलों पर भारत में सबसे तेज़ी से काम इस केस में हुआ है. कसाब के अलावा दो अन्य आरोपियों का फ़ैसला करेगी अदालत.

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चश्मदीदों ने दी गवाहीतस्वीर: AP

दो सौ इकहत्तर वर्किंग डे में 658 प्रत्यक्षदर्शियों के बयान पर आधारित 3192 पन्नों के सबूतों पपर नज़र डालने के बाद अब सोमवार यानी कल विशेष अदालत कसाब मामले पर फैसला सुनाएगी.

छब्बीस नवंबर दो हज़ार आठ एक सौ छियासठ लोगों की मौत और तीन सौ से ज़्यादा घायल. अजमल कसाब मुंबई हमले का मुख्य आरोपी है जिसे जीवित पकड़ा गया था. इसके अलावा भारत के फहीम अंसारी और सबाउद्दीन अहमद पर आरोप हैं कि उन्होंने हमले वाली जगहों के नक्शे आतंकियों को दिए. उनके मामले में भी फैसला सुनाया जा सकता है. बाईस साल के कसाब पर भारते के खिलाफ हमला करने से लेकर हत्या और भारतीय सरकार को अस्थिर करने जैसे कई आरोप हैं. अगर ये आरोप साबित होते हैं तो उसे मौत की सज़ा सुनाई जा सकती है.

Mumbai Anschläge Gerichtsverhandlung Ajmal Kasab
अभियोजन पक्ष के वकील निकमतस्वीर: AP

मुंबई में आतंकियों के खिलाफ साठ घंटे जारी रही कार्रवाई में कसाब को ज़िंदा पकड़ा गया जबकि इस्माइल और अन्य आठ हमलावरों को सुरक्षाकर्मियों ने मार गिराया.

वकीलों का कहना है कि अगर विशेष अदालत ने मौत की सज़ा का फैसला सुनाया भी तो भी यह केस में लंबी अपीलें होती रहेंगी क्योंकि कसाब उच्च अदालत में निश्चित ही अपील करेगा. कसाब ने पहले तो आरोपों का खंडन किया लेकिन जुलाई में अचानक एक दिन नाटकीय तरीके से सारे गुनाह कबूल कर लिए.

पाकिस्तान ने मुंबई हमलों के मामले में छह लोगों पर मुकदमा शुरू किया है जिनमें लश्कर ए तैयबा का जकी उर रहमान लखवी भी है. मामले में सरकारी वकील उज्ज्वल निकम हैं जबकि कसाब के लिए तीसरे वकील के तौर पर के पी पवार को नियुक्त किया गया. सबसे पहले अंजली वाघमारे कसाब की वकील बनाई गईं थीं लेकिन चूंकि वे गवाह के तौर पर भी केस में शामिल थीं इसलिए उन्हें हटाया गया इसके बाद अब्बास आज़मी कसाब के वकील बने लेकिन अदालत को सहयोग नहीं देने के कारण उन्हें भी हटाया गया.

कसाब के वकील के पी पवार का कहना है कि उनका मुवक्किल बेगुनाह है और पुलिस ने हमले के कुछ दिन पहले उसे चौपाटी से पकड़ा था. वहीं अभियोजन पक्ष का दावा है कि कसाब और उसके साथियों को पाकिस्तान के मुरिद्के में लश्करे तैयबा के शिविर में हमला करने के लिए खास प्रशिक्षण दिया गया था. सरकारी वकील का दावा है कि लश्कर ए तैयबा के प्रमुख हाफ़िज़ सईद और मास्टर माइंड जकी उर रहमान लखवी ने ये ट्रेनिंग दी थी.

रिपोर्टः एजेंसियां/ आभा मोंढे

संपादनः एम गोपालकृष्णन