कसरत भगाए आनुवंशिक मोटापा
१ सितम्बर २०१०नई रिपोर्ट इस विचार को चुनौती देती है कि विरासत में मिले मोटापे के लक्षण से लड़ना असंभव है. रिपोर्ट कसरत करने से होने वाले लाभों की पुष्टि करती है. इस सप्ताह पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ अमेरिकन साइंस मेडिसीन जरनल में प्रकाशित यह रिसर्च ब्रिटेन के नॉरविच में रहने वाले 20,430 लोगों की जांच पर आधारित है.
अध्ययन में पाया गया है कि इस में शामिल अधिकांश भागीदारों को मोटापे का जोखिम बढ़ाने वाले 10 से 13 जेनेटिक तत्व विरासत में मिले. उनमें से कुछ को तो मोटापा बढ़ाने वाले 17 जेनेटिक तत्व विरासत में मिले तो कुछ को सिर्फ छह. मॉडलिंग तकनीक का इस्तेमाल कर शोधकर्ताओं ने पाया कि हर जेनेटिक तत्व बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) में वृद्धि से जुड़ा हुआ था.
मोटापे को मापने के लिए अब लंबाई और वजन के आधार पर बॉडी मास इंडेक्स निकाला जाता है. वयस्कों में 18.5 से 25 के इंडेक्स को सामान्य माना जाता है जबकि 30 से उपर होने को अति मोटापा माना जाता है.
अध्ययन के अनुसार हर अतिरिक्त जेनेटिक तत्व 1.70 मीटर लंबे व्यक्ति में 445 ग्राम के बराबर बीएमआई वृद्धि के साथ जुड़ा था. लेकिन जो लोग शारीरिक रूप से सक्रिय थे और नियमित कसरत करते थे उनके मामले में यह वृद्धि सिर्फ 379 ग्राम के बराबर थी. यह व्यायाम नहीं करने वाले व्यक्तियों के मुकाबले 36 फीसदी कम है जिनमें यह वृद्धि 592 ग्राम के बराबर थी. हर अतिरिक्त जेनेटिक तत्व से व्यक्ति में मोटापे की संभावना 1.1 फीसदी बढ़ जाती है जबकि शारीरिक रूप से सक्रिय लोगों में मोटापे का जोखिम 40 फीसदी कम था.
यह शोध ब्रिटेन की मेडिकल रिसर्च काउंसिल की एपीडेमियोलॉजी यूनिट की रूथ लूस ने किया है. रूथ लूस का कहना है कि इस शोध ने मोटापे के जेनेटिक कारणों पर तय विचारों को चुनौती दी है. लूस के अनुसार इस शोध के नतीजे मोटापा रोकने के लिए शारीरिक गतिविधियों के महत्व पर जोर देते हैं.
रिपोर्ट: एएफपी/महेश झा
संपादन: ओ सिंह