कसब की हाई कोर्ट में सुनवाई
१८ अक्टूबर २०१०अजमल आमिर कसब के वकील ने निचली अदालत द्वारा दी गई मौत की सजा के खिलाफ अपील की हैं. मुंबई की एक विशेष अदालत ने कसब को भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने, हत्या, हत्या करने की कोशिश और आतंकवाद के आरोप में दोषी करार दिया था.
सरकारी वकील उज्ज्वल निकम के हवाले से भारत के एक अंग्रेजी अखबार ने लिखा है, "मैं हाई कोर्ट के आदेश के हिसाब से अपना पक्ष रखूंगा और गवाहों के बयान पढ़ूंगा. इसके बाद अदालत तय करेगी की सजा बरकरार रखनी है या फिर इसे बदलना है."
जस्टिस रंजना देसाई, आरवी मोरे की खंडपीठ सरकार की याचिका और कसब की याचिका की सुनवाई करेगी.
23 साल का कसब उन दस हमलावरों में से इकलौता था जिसे मुंबई हमलों के बाद पकड़ा गया था. नवंबर 2008 के मुंबई हमलों में 166 लोग मारे गए थे.
अन्य दोषी फहीम अंसारी और सबाहुद्दीन अहमद कोर्ट लाया गया है लेकिन कसब को नहीं. उसे आर्थर रोड जेल में ही रखा गया है जहां वह सुनवाई वीडियो लिंक के जरिए देख सकेगा.
रिपोर्टः एजेंसियां आभा एम
संपादनः महेश झा