कश्मीर संकट पर मनमोहन ने बुलाई बैठक
१ अगस्त २०१०कश्मीर घाटी में हाल के दिनों में प्रदर्शनकारियों ने कर्फ्यू तोड़ कर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है. इसी तरह रविवार को भी हुए प्रदर्शन में सुरक्षा बलों के साथ झड़प में दो लोगों की मौत हो गई. इस तरह शुक्रवार से घाटी में नौ लोगों की विरोध प्रदर्शनों में मौत हो चुकी है. रविवार की सुबह सैकड़ों लोग पाम्पोर, बारामूला और गालांदार इलाके में जमा हुए.
पुलिस का कहना है कि वहां जमा लोगों ने सुरक्षा बलों पर गोलियां चला दीं, जिसके बाद उन्हें फायरिंग करनी पड़ी. हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि सुरक्षा बलों ने वहां जमा भीड़ पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं. शुक्रवार से भड़की हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. पुलिस का कहना है कि भीड़ पत्थरबाजी पर उतारू थी और वह सार्वजनिक संपत्ति को हानि पहुंचाना चाह रही थी.
राजधानी श्रीनगर के पास पाम्पोर में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर फायरिंग की गई, जिसमें दो लोगों की जान चली गई. इस जगह पर 15 लोग घायल हुए, जबकि 13 पुलिसवालों को भी चोटें आईं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक गालांदार इलाके में प्रदर्शनकारियों ने एक हाइवे को जाम करने की कोशिश की, जिसके बाद उन्हें तितर बितर किया गया.
कश्मीर की जनता का एक हिस्सा भारत से अलग होना चाहता है और अलगाववादी संगठनों की अगुवाई में वे कभी कभी मुहिम तेज कर देते हैं. 11 जून से शुरू हुई घटनाओं में अब तक 25 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, जबकि सैकड़ों घायल हो गए हैं. राज्य के ज्यादातर हिस्सों में कर्फ्यू लगा होता है और सेना के अलावा अर्धसैनिक बल के जवान राज्य में गश्त लगा रहे हैं.
इस बीच, कश्मीर के बिगड़ते हालात को देखते हुए भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कैबिनेट की सुरक्षा समिति की बैठक बुलाई है. भारत का आरोप है कि पाकिस्तान स्थित लश्कर ए तैयबा जैसे कुछ आतंकवादी संगठन कश्मीर घाटी में हिंसा को हवा दे रहे हैं. शुक्रवार से स्थिति खराब होने के बाद घाटी के नौ जिलों में कर्फ्यू लगा है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः ए कुमार