कश्मीर के कुछ इलाकों में फिर कर्फ्यू
१० जुलाई २०१०तनाव और हालात का जिक्र करते हुए राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''कर्फ्यू में दी गई ढील के दौरान उपद्रवियों ने श्रीनगर के मैसुमा, अनंतनाग और पुलवामा में पत्थरबाजी की. इस कारण इन जगहों पर कर्फ्यू लगा दिया गया है.'' कर्फ्यू की मार आम जनजीवन पर पड़ रही है. श्रीनगर में ज्यादातर दुकानें बंद हैं. तनाव के बावजूद लोग जरूरी सामान खरीदने के लिए घर से बाहर निकलकर खुली दुकानों की तलाश में भटक रहे हैं.
इससे पहले शुक्रवार को घाटी में कर्फ्यू में ढील दी गई. हजरतबल दरगाह के सालाना जलसे के चलते यह ढील दी गई. इस दौरान श्रीनगर के ज्यादातर इलाके शांत रहे. शनिवार को जलसे की सुबह श्रीनगर में 4,000 से ज्यादा लोग दरगाह पहुंचे. इस दौरान दुकानें खुली रहीं और सड़कों पर यातायात भी सामान्य रहा.
लेकिन सोपोर और काकपोरा में हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं. शनिवार को इन दोनों जगहों पर कर्फ्यू चौथे दिन जारी रहा. इस वजह से आम लोगों के राशन-पानी और दवाइयों की किल्लत महसूस होने लगी है. घाटी में स्थानीय अखबार तीसरे दिन भी बंद रहे. स्थानीय पत्रकारों को रिपोर्टिंग करने के लिए जरूरी पास नहीं दिए गए हैं.
इस बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्लाह ने गृहमंत्री पी चिंदबरम से मुलाकात की है. दोनों के बीच कश्मीर की स्थिति पर चर्चा हुई. चिदंबरम का कहना है कि हालात काबू में होते ही फौज को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
कश्मीर में बीते कुछ महीनों में कई युवकों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है. लोगों का आरोप है कि सुरक्षाकर्मी कश्मीर युवकों को जानबूझकर निशाना बना रहे हैं. इसी के विरोध में घाटी में प्रदर्शन हो रहे हैं. राज्य पुलिस का कहना है कि अलगाववादी और आतंकवादी युवकों की मौत के लिए जिम्मेदार हैं. वह चाहते हैं कि घाटी में माहौल खराब हो.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: एस गौड़